Parenting Tips : अगर आपके घर-परिवार में नन्हें-मुन्हें बच्चे हैं तो ये ख़बर आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। आप भी चाहती हैं कि आपका बच्चा नरम दिल का एक अच्छा इन्सान बने, साथ ही वह बुद्धिमान भी हो तो इसके लिए आपको उसमें बचपन से ही कुछ सॉफ्ट स्किल्स डेवलप करने होंगे। आज की प्रतिस्पर्धा भरी दुनिया में केवल अच्छी पढ़ाई या टॉप ग्रेड ही काफी नहीं है, सफलता के लिए जरूरी है कि बच्चों के अंदर सॉफ्ट स्किल्स यानी व्यावहारिक और सामाजिक कौशल भी विकसित किया जाए।
भविष्य के लिए बेहद जरूरी
इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों को बचपन से ही न सिर्फ किताबों का ज्ञान देना चाहिए, बल्कि जिंदगी से जुड़ी कुछ अहम बातें भी सिखानी चाहिए, ताकि वे अपने जीवन में होने वाली परेशानियों का सामना आसानी से कर सकें। कम्युनिकेशन स्किल यानी अपनी बात को प्रभावी ढंग से, स्पष्ट रूप से और समझदारी भरे लहजे में दूसरे तक पहुंचाना। यह न केवल शब्दों का प्रयोग है, बल्कि इसमें सुनना, समझना, बॉडी लैंग्वेज और भावनाओं को व्यक्त करना भी शामिल है। अच्छे संवाद कौशल से बच्चा अपने मन की बात खुलकर प्रभावी ढंग से कह पाता है और दूसरों को भी बेहतर तरीके से समझ पाता है, जो उसके भविष्य के लिए बेहद जरूरी है।
दूसरों की राय का सम्मान करना
भावनात्मक बुद्धिमत्ता बच्चों को खुद को समझने, बेहतर निर्णय लेने और दूसरों से जुड़ने में मदद करती है। साथ ही यह स्किल बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत भी बनाती है और वे कठिन परिस्थितियों में भी संतुलित रह पाते हैं। ज्यादातर कामों में आपको एक टीम के तौर पर काम करना होता है। अच्छे टीमवर्क का मतलब है- सभी का एक साथ मिलकर काम करना। टीमवर्क बच्चों में दूसरों की राय का सम्मान करना, अपनी भूमिका निभाते हुए टीम के लक्ष्य पर ध्यान देना और मदद करने जैसी भावनाओं को विकसित करता है। यह गुण बच्चे को सहयोगी बनाता है और आगे चलकर प्रोफेशनल लाइफ में भी बेहद काम आता है।