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बेटे भव्य की हार से दुखी हुए कुलदीप बिश्नोई, बोले 3 जून को लेंगे बड़ा फैसला

बेटे भव्य की हार से दुखी हुए कुलदीप बिश्नोई, बोले 3 जून को लेंगे बड़ा फैसला

 

हिसार लोकसभा सीट पर बेटे की करारी हार से दुखी कुलदीप बिश्‍नोई अपने मन के उद्गार को रोक नहीं पाए। कहा कि बेटे की हार से वह दुखी नहीं हैं, लेकिन दुख इस बात का है कि हमारे पारिवारिक हलके आदमपुर से भी भव्य पिछड़ गया। वह आगामी 3 जून को चौ. भजनलाल की पुण्यतिथि पर कोई बड़़ा़ फैसला लेंगे।

आदमपुर भजनलाल परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। यहीं से भव्य करीब 20 हजार वोटों से हार गए। कुलदीप बिश्‍नोई शुक्रवार को आदमपुर में कार्यकर्ताओं से रूबरू होने पहुंचे और संबोधन के दौरान भावुक हो गए। उनके साथ विधायक रेणुका बिश्‍नोई भी नजर आई।

इस दौरान वर्कर जहां भावुक दिखे, वहीं आदमपुर से पिछड़ने की टीस भी साफतौर पर कुलदीप बिश्नोई के चेहरे पर दिखी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली हार का उन्हें मलाल नहीं है, क्योंकि यह चुनाव काफी अलग तरह का चुनाव था और मोदी लहर के सामने सभी मुद्दे गौण हो गए। उन्हें दुख इस बात का है कि हमारे पारिवारिक हलके आदमपुर से भी भव्य पिछड़ गया। अपने भाषण के दौरान वे भावुक भी हो गए और कहा कि पिछले 32 साल से राजनीति में हैं।

1987 में आदमपुर उपचुनाव के दौरान उन्होंने यहां पर काम शुरू किया था। आदमपुर को मैंने हमेशा अपना घर माना। यहां के लोगों के दुख-सुख और परेशानियों को दूर करने का हर संभव प्रयास किया। हलके के स्वर्णिम दौर को वापिस लाने के लिए ईमानदारी से संघर्ष किया। मैंने या मेरे परिवार के किसी सदस्य ने आदमपुर के किसी बच्चे तक से कभी भी ऊंची आवाज में बात नहीं की।

पिछले 2 वर्षों के दौरान वे बीमारी की वजह से लोगों के बीच कम आए, लेकिन पिछले 2 वर्षों से रेणुका औऱ भव्य लगातार लोगों के बीच रहे। जो व्यक्ति हलके के गांवों के नाम तक नहीं जानता, कभी यहां पर आया नहीं, वह व्यक्ति अगर चौ. भजनलाल के घर से चुनाव जीतता है तो जाहिर सी बात है यह हार भव्य की नहीं, बल्कि हमारे संपूर्ण आदमपुर परिवार की है। बैठक में कुलदीप बिश्नोई ने 3 जून चौ. भजनलाल की पुण्यतिथि पर आगामी रणनीति के बारे में विचार विमर्श करने की घोषणा की।


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