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'रेफरेंडम 2020' पर खैहरा का बयान, कहा मैंने कभी इस अभियान का समर्थन नहीं किया

'रेफरेंडम 2020' पर खैहरा का बयान, कहा मैंने कभी इस अभियान का समर्थन नहीं किया

 

आप विधायक व विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा कट्टरपंथियों की ओर से चलाए जा रहे अभियान 'रेफरेंडम 2020' का समर्थन करने के लिए बुरी तरह से घिर गए हैं। ये अभियान अलग सिख राज्य की मांग को लेकर किया जा रहा है। इस मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अरविंद केजरीवाल से अपना स्टैंड स्पष्ट करने की मांग की है। वहीं, अकाली दल ने खैहरा के खिलाफ पर्चा दर्ज करने की मांग की। आम आदमी पार्टी ने भी इस पर कड़ा रुख दिखाया है। आप के राज्य सह-अध्यक्ष डॉ. बलबीर सिंह खैहरा से स्पष्टीकरण मांगेगी। चारों ओर से घिर जाने के बाद खैहरा अब सफाई दे रहे हैं।

 

चौतरफा घिरने के बाद खैहरा ने सफाई देते हुए बयान जारी किया कि मैंने कभी अलग सिख राज्य की मांग को लेकर 'रेफरेंडम 2020' का समर्थन नहीं किया। मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि आजादी से लेकर सफल सरकारों के पीछे सिखों की कुर्बानियों को कभी नहीं भुलाया जा सकता।'

 

गौरतलब है कि फरीदकोट जिले के बरगाड़ी में कट्टरपंथियों के धरने में खैहरा ने 'रेफरेंडम 2020' का समर्थन किया था। खैहरा ने कहा कि पंजाब की कीमत पर हिमाचल प्रदेश व हरियाणा को ज्यादा लाभ मिला। 1966 में सिख मोर्चा की ओर से पंजाबी स्पीकिंग स्टेट की मांग उठाई गई, लेकिन उसे लेकर भी न्याय नहीं मिला। पानी के बंटवारे में भी हरियाणा व राजस्थान को अधिक लाभ मिला।

 

साथ ही उन्‍होंने कहा, आपरेशन ब्लू स्टार के बाद विरोध करने वाले सैकड़ों सिख आज भी विदेश में रह रहे हैं और वह अपने देश वापस नहीं आ सकते। खैहरा ने प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल व बिक्रम सिंह मजीठिया को कठघरे में खड़ा किया।

 

कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने खैहरा को विधायक पद से इस्तीफा देने की मांग की है। जाखड़ ने खैहरा को तत्काल प्रभाव से नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा देने की बात कही। बता दें खैहरा का बयान विधायक के तौर पर ली गई शपथ को तोड़ने वाला है। यह देश की एकता व अखंडता के लिए खतरे की घंटी है।

 


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