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केजरीवाल-खट्टर के विवादित बयान, पानी की किल्लत, दिल्ली परेशान

केजरीवाल-खट्टर के विवादित बयान, पानी की किल्लत, दिल्ली परेशान

 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है। बता दें केजरीवाल दिल्ली में हो रही पानी की कमी के लिए हरियाणा सरकार को दोषी ठहराते आए हैं। पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस बार केजरीवाल को कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि वह अपनी नाकामी का ठीकरा दूसरों पर फोडऩा बंद करें।

 

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सरकारी पत्र के माध्यम से न केवल तय मापदंड के अधिक पानी की आपूर्ति दिल्ली को करने पर हरियाणा के उदार रुख का जिक्र किया बल्कि  दिल्ली के मुखिया द्वारा की जा रही सियासत पर उनके द्वारा वाजिब कदम नहीं उठाए जाने के चलते उनकी मंशा पर भी सवाल खड़े किए।

 

बता दें मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली मुख्यमंत्री को सरकारी पत्र लिखते हुए दिल्ली में हो रही पानी की किल्लत के लिए हरियाणा पर सवाल उठाने की सियासत को उनकी मंशा से जोड़ते हुए पलटवार किया है। साथ ही उन्होंने केजरीवाल को याद दिलाया कि वर्ष 2018-19 के बजट संबोधन में केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में पानी की कोई कमी नहीं हैं।

 

सरकारी पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह भी कहा कि ऊपरी यमुना नदी बोर्ड द्वारा तय अनुपात के अनुसार हरियाणा दिल्ली को पानी देने के दायित्व को बखूबी निभा रहा है। कुछ समय पहले जल संसाधन मंत्रालय के सचिव द्वारा गर्मी में दिल्ली की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनसे 120 क्यूसिक कच्चा पानी दिल्ली को देने का आग्रह किया गया था।

 

दिल्ली वासियों की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए हरियाणा ने उदारता के साथ यह पानी देना शुरू कर दिया। वहीं, यमुना में पानी की किल्लत के चलते हरियाणा को जनवरी माह से 4 समूह की बजाय 5 समूह में पानी वितरित किए जाने का रोटेशन अपनाना पड़ा। इसके बावजूद यदि केजरीवाल को लगता है कि हरियाणा नाइंसाफी कर रहा है तो वह अपने अधिकारियों से सलाह करें।

 

साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दिल्ली की जनता की ज़रूरतों पर हरियाणा के उदार रवैये का ज़िक्र करते हुए हरियाणा ने वर्ष 2014 से दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर मुनक से 1050 क्यूकिस पानी की आपूर्ति शुरू की लेकिन दिल्ली ने उन्हें मुकद्दमेबाजी में धकेलने का काम किया।

 

मनोहर लाल ने केजरीवाल को सलाह दी कि मुकद्दमा समय और ऊर्जा की बर्बादी है, इसलिए वह मुकद्दमेबाजी में जाने की बजाय ऊपरी यमुदी नदी बोर्ड के हरियाणा स्टैंड का समर्थन करें और अपने आंतरिक मसलों को बैठकर सुलझाएं ताकि दिल्ली की जनता को इसका खमियाजा न भुगतना पड़े।


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