जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सोमवार शाम को पुलिस की बस पर हुए आतंकी हमले में 3 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा 11 लोग घायल हो गए थे। जिसके बाद प्रशासन ने इस हमले के पीछे 'कश्मीर टाइगर्स' नाम के संगठन का हाथ बताया है। अगस्त, 2019 में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है।
इस हमले में 14 जवान घायल हुए थे, जिसमें 3 शहीद हो चुके हैं। इसके अलावा अस्पताल में 11 लोगों का इलाज चल रहा है और उनमें से भी कई की हालत गंभीर बनी हुई है। इस हमले को अंजाम देने वाले कश्मीर टाइगर्स का नाम कम ही लोग जानते हैं। पहली बार यह इसी साल जनवरी में ही चर्चा में आया था। जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि यह खूंखार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ही शैडो ग्रुप है।
कश्मीर टाइगर्स को जैश-ए-मोहम्मद का शैडो संगठन बताया जा रहा है। सुरक्षा बलों का कहना है कि नए नामों से बने इन संगठनों के पीछे भी एक डिजाइन है। एक अधिकारी ने कहा, 'कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान दबाव में है, लेकिन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की अनदेखी भी नहीं कर सकता है।'
ऐसे में उसने यह नया तरीका निकाला है। लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के नामों से ही पता लगता था कि वे कट्टर मजहबी संगठन हैं। ऐसे में आतंकियों ने पाकिस्तान के साथ मिलकर नई रणनीति तैयार की है। अब वे ऐसे नाम रख रहे हैं, जो सेक्लुयर और मूल पहचान से जुड़े दिखाई दें।
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