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कालका-शिमला NH बंद, CM सुक्खू करेंगे हवाई सर्वेक्षण, अब तक 4,000 करोड़ का नुकसान

कालका-शिमला NH बंद, CM सुक्खू करेंगे हवाई सर्वेक्षण, अब तक 4,000 करोड़ का नुकसान

 

Himachal Pradesh:हिमाचल प्रदेश में पिछले 72 घंटे से लगातार हो रही मुसलाधार बारिश ने जमकर तबाही मचाई हुई है। बीते दिन सोमवार को बारिश से मची तबाही के चलते आठ और लोगों की मौत हो गई है जबकि छह उफनती नदियों और नालों में बह गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक 24 जून से आए मॉनसून ने अब तक कुल 63 लोगों की जान ले ली है। वहीं दो दिन के अंतराल में 21 लोगों की जान जाने की खबर सामने आई है। 

बता दें कि भारी बारिश के चलते श्रीखंड महादेव की पवित्र यात्रा भी स्थगित कर दी गई है। मौसम साफ होते ही बीच राह में फंसे यात्रियों को वापस लाया जाएगा। वहीं बीते दिन सोमवार को कुल्लू जिले में बादल फटा है। दूसरी तरफ लगघाटी के फलाण में बादल फटने से 100 बीघा जमीन बह गई है। सरकारी तार स्पेन भी क्षतिग्रस्त हो गया है।

वहीं कालका शिमला एनएच चक्की मोड़, कोटी और सनवारा में बंद पड़ा है। हिमाचल के प्रवेश द्वार परवाणू में देर रात से लोग खड़े हैं।  हजारों लोग कालका शिमला एनएच खुलने का इंतजार कर रहे है। दूध-ब्रेड की सोलन शिमला समेत अन्य जगह जाने वाली सभी गाड़ियां भी परवाणू से वापस चली गई हैं। इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू आज  कुल्लू और लाहौल में हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। 

 

इसके अलावा, चंद्रताल में फंसे 300 लोगों का आज सुबह पांच बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पहली टीम मशीनरी के साथ लोसर से चंद्रताल के लिए रवाना हुई है, जबकि दूसरी टीम काजा से एडीसी राहुल जैन की अध्यक्षता में रवाना हुई है। करीब 40 लोगों का रेस्क्यू दल जिसमें पंगमो और लोसर गांव के युवा के अलावा स्पीति के अन्य गांव से युवा शामिल हैं।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारी बारिश के चलते फिलहाल हिमाचल प्रदेश से जुड़े कुछ हाईवे बंद किए गए हैं, जिनमें मनाली-लेह, कालका-शिमला, कोकसर, लोसर, काजा(एनएच-505),चंडीगढ़-मनाली,आनी-कुल्लू, चंबा-भरमौर, ऊना-मंडी सुपर हाईवे, शिमला-हाटकोटी-रोहड़ू, उदयपुर-तिंदी-पांगी(स्टेट हाईवे-26), दारचा-शिकुंला, समदो-काजा-लोसर शामिल हैं।

हिमाचल में बारिश से  4,000 करोड़ का नुकसान
वहीं प्रदेश में लगातार तीन दिन से हो रही भारी बारिश से हिमाचल में अब तक 59 लोगों की मौत हो चुकी है और 4,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। कुल्लू-मनाली, मंडी और प्रदेश के ऊपरी इलाकों में हजारों लोग फंसे हुए हैं। अधिकतर जिलों में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवा भी ठप है। कुल्लू में बादल फटने से 100 बीघा जमीन खड्ड में बदल गई। मनाली में कई वाहन बह गए। मंडी में ब्यास नदी उफान पर है। 113 घर खाली कराए गए। सात नेशनल हाईवे और 828 से ज्यादा सड़कें अब भी बंद हैं। ट्रेन और हवाई सेवाएं ठप हैं। जगह-जगह 403 बसें फंसीं हैं। हिमाचल हाईकोर्ट की सोमवार-मंगलवार छुट्टी कर दी गई है। डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। श्रीखंड महादेव की पवित्र यात्रा भी स्थगित कर दी गई है। 


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