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डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल मामले पर सुरक्षा व्यवस्था और कृषि योग्य भूमि के ब्योरे की जांच

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल मामले पर सुरक्षा व्यवस्था और कृषि योग्य भूमि के ब्योरे की जांच

 

साध्वी यौन शोषण और छत्रपति हत्याकांड में सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम द्वारा कृषि कार्य के लिए पैरोल मांगने को लेकर पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और कृषि भूमि का ब्योरा जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सिरसा एसपी अरुण सिंह ने एसआईटी सहित एसएचओ सदर और एचएचओ सिटी को इसकी रिपोर्ट तैयार करने की अलग अलग जिम्मेदारी सौंपी है। हालांकि एसआईटी ही पूरी रिपोर्ट का निष्कर्ष तैयार करके एसपी को सौंपेंगी।

क्योंकि डेरे से संबंधित मामलों की जांच एसआईटी कर रही है। ऐेसे में एसआईटी ने राजस्व विभाग को डेरा सच्चा सौदा और डेरा प्रमुख की कृषि भूमि का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने के लिए कहा है। जिससे कि पता किया जा सके कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के पास कृषि योग्य भूमि है भी या नहीं। प्रशासन के आदेश के बाद राजस्व विभाग ने भी डेरे की प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड को खंगालना शुरू कर दिया है। डेरा या ट्रस्ट की जमीन को डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम की व्यक्तिगत कृषि भूमि नहीं माना जाएगा।

जानकारी अनुसार डेरा सच्चा सौदा के पास करीब 800 एकड़ जमीन है। जिसमें से करीब 250 एकड़ जमीन कृषि योग्य है। इसमें से कुछ रिसर्च सेंटर के नाम पर भी हैं और कुछ डेरा प्रमुख के नाम भी है। इसी प्रकार से पुराने डेरे के पास 25 एकड़ भूमि है, जिसमें से कृषि योग्य भूमि लगभग दस एकड़ है। इसके अतिरिक्त पंजाब, बीकानेर में भी डेरे के पास काफी भूमि है।

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह की ओर से कृषि कार्य के लिए पैरोल मांगी गई है। सुनारिया जेल अधीक्षक ने इस संबंध में सिरसा के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी है। पूछा गया है कि कैदी गुरमीत सिंह को पैरोल देना उचित होगा या नहीं? इस बारे में जिला प्रशासन अपनी सिफारिश आयुक्त रोहतक को भेजेंगे।

 


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