केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को नव वर्ष के जश्न के लिए होने वाले आयोजनों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है। मंत्रालय का मानना है कि ऐसे आयोजन कोविड-19 के लिए संभावित 'सुपर स्प्रेडर' साबित हो सकते हैं। इसके अलावा सर्दियों के मौसम में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भीड़ इकट्ठा होने पर भी रोक लगाने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
वही, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि पिछले साढ़े तीन महीने से देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि यूरोप और अमेरिका में इस महामारी के मामलों में हुई ताजा वृद्धि को देखते हुए देश में विस्तृत सावधानी बरतने और सख्त निगरानी रखने की आवश्यकता है।
अपने पत्र में भूषण ने लिखा, "नए साल और इसके जश्न के लिए होने वाले विभिन्न आयोजनों तथा सर्दियों के मौसम के मद्देनजर ‘सुपर स्प्रेडर’ कार्यक्रमों और भीड़ की संभावना वाले स्थलों पर सख्त निगरानी आवश्यक है।" पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी किए गए दिशा-निर्देशों को भी दोहराया।
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने आकलन के अनुरूप स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने जैसे, रात के समय निषेधाज्ञा लागू करने आदि का अधिकार दिया है ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। हालांकि गृह मंत्रालय ने यात्रियों और सामानों की राज्यों के भीतर या एक से दूसरे राज्यों में आवाजाही पर कोई रोक नहीं लगाई है। वही, राज्यों का इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए स्वास्थ्य सचिव ने उनसे आग्रह किया है कि स्थानीय स्थितियों का आकलन करने के बाद वे 30 दिसंबर से एक जनवरी तक उचित कार्रवाई कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- नए साल के जश्न पर कोरोना की मार, दिल्ली-मुंबई समेत इन राज्यों ने लगाई ये बंदिशें