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सोहना: कैदियों को क्यों नहीं किसी का डर? भौंडसी जेल से बरामद हुए 24 मोबाइल और सिम

सोहना: कैदियों को क्यों नहीं किसी का डर? भौंडसी जेल से बरामद हुए 24 मोबाइल और सिम

 

सोहना: जेल ऐसी जगह है जहां अपराधियों को ये सोचकर बंद किया जाता है कि उन्हें उनके किए की सजा मिले और वो एक सभ्य समाज के लिए फिर से कोई नई मुसीबत ना बन जाएं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, क्योंकि जेल के अंदर बैठकर भी अपराधी आराम से फोन का इस्तेमाल करते है। जी हां, भौंडसी जेल में चले सर्चिंग ऑपरेशन इसकी गवाही देने के लिए काफी है।

बता दें कि भोंडसी जेल की मजबूत, लंबी-चौड़ी ऊंची-ऊंची दीवारें ऐसी हैं जहां परिंदा भी पर ना मार सके, यहां कहने को तो सुरक्षा ऐसी है कि इस किले को कोई भेद नहीं सकता, यहां बिना इजाजत ना कोई अंदर आ सकता है और ना ही बाहर जा सकता है, लेकिन ये सब बाते हकीकत से कोसों दूर है। हरियाणा की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली भोंडसी जेल में दो गुटों के बीच हुऐ झगड़े के बाद जेल में सर्चिंग ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें जेल से कई फोन बरामद हुए।

 

ऐसे में सवाल ये है कि आखिर इतनी भारी संख्या में मोबाइल बैट्री चार्जर लावारिस हालात में कैसे बरामद किए गए है, गुरुग्राम पुलिस सभी बरामद किए गए मोबाइल फोन्स की डिटेल खंगालने में जुटी है और जल्द ही जेल में बंद उन बदमाशो के चेहरों को बेनाकब कर देगी जो कि जेल में फोन से ही गुर्गो को निर्देश दे अपने गैंग्स को ऑपरेट कर रहे थे।

सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि एक तरफ जेल में थ्री और फोर लेयर सुरक्षा की बात की जाती है तो वहीं जेल में आसानी से मोबाइल फोन और सिम कार्ड कैसे पहुंच जाते है। जेलों में लगातार मोबाइल फोन और सिम कार्ड का मिलना ये साफ दर्शाता है कि बिना पुलिस की मिलीभगत के कैदियों की पहुंच में मोबाइल नहीं आ सकते। भ्रष्टाचार में लिप्त जेल की दीवारों को भेदना ये बता रहा है कि सूबे की जेले कितनी सुरक्षित है और मनोहर सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन के दावों में कितना दम है। 


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