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चरखी दादरी: कृषि विभाग में अधिकारियों का अभाव, आखिर कैसे खुशहाल होंगे किसान ?

चरखी दादरी: कृषि विभाग में अधिकारियों का अभाव, आखिर कैसे खुशहाल होंगे किसान ?

 

चरखी दादरी: सूबे की मनोहर सरकार ने दादरी को जिला तो बना दिया, लेकिन किसान उन्नति की ओर आगे कदम नहीं बढ़ा पाए है और बढ़ाए भी तो कैसे? जब कृषि विभाग में सरकार अधिकारियों की नियुक्ति तक नहीं कर पाई है, ऐसे में किसान जानकारी के अभाव में कैसे उन्नत हो पाएंगे।

बीजेपी सरकार ने सूबे को लोगों को दादरी को जिला बना एक नई सौगात तो दे दी, लेकिन किसानों को उन्नत बनाने के लिए कृषि विभाग में अधिकारियों की नियुक्ति अभी तक नहीं की है। नवगठित जिले के कृषि विभाग कार्यालय में अधिकांश अधिकारियों के पद खाली पड़े हैं, जिसके कारण किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिला बनने के डेढ़ साल बाद भी जिले के करीब 40 गांवों की कमान एक कृषि विकास अधिकारी के कंधे पर है। वहीं कृषि उपनिदेशक सहित अधिकांश पदों की कुर्सियां खाली होने से किसानों को दी जानी वाली सुविधाएं दम तोड़ रही हैं।

 

कैसे खुशहाल होंगे किसान ?    

-नवगठित जिले को डीडीए की दरकार

-22 एडीओ में 4 के कंधे पर बोझ

-172 गांवों के किसानों को मिले 4 एडीओ

 

पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान ने किसानों का उन्नत बनाने के लिए सरकार के दावों को मात्र जुमले करार दिया है।

वहीं बाढड़ा से बीजेपी विधायक सुखविंद्र मांढी का कहना है कि जिले में अधिकारियों की नियुक्तियां की जा रही हैं।

दादरी जिले में कृषि अधिकारियों के 33 पद हैं, जिनमें से 24 पद रिक्त हैं। जिले के खाली पदों में एक उपनिदेशक, एक SDO, एक BO, 18 ADO और 3 पद SMS के पद खाली पड़े हुए हैं। अब कोई विधायक साहब ये पूछे कि जब इतने वक्त से पद खाली पड़े है तो वो नियुक्तियां कहां कर रहे है। 


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