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हरियाणा: बीजेपी के ‘चाणक्य’ का सियासी दौरा, 15 फरवरी से शुरू होगी अमित शाह की बाइक रैली

हरियाणा: बीजेपी के ‘चाणक्य’ का सियासी दौरा, 15 फरवरी से शुरू होगी अमित शाह की बाइक रैली

 

हरियाणा: मिशन-2019 को लेकर हरियाणा में सियासी माहौल गर्म होता जा रहा है। एक तरफ 15 फरवरी से बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह जींद में बाइक रैली से 2019 के चुनाव का बिगुल बजाने जा रहे है तो दूसरी ओर ये कयास लगाए जा रहे है कि हरियाणा में सियासी समीकरण बदलने के लिए राहुल गांधी का दौरा भी हो सकता है।

नए सपनों और उम्मीदों के साथ शुरु हुआ नया साल हरियाणा का चुनावी माहौल गर्म करता हुआ नजर आने वाला है। इस दौरान जहां हर किसी दल को कुछ खास कर दिखाने की चुनौती होगी तो वहीं अपने जनाधार को बचाने, बनाए रखने से लेकर दूसरे के किलों में सेंध लगाने की मारकाट दिखेगी। एक तरफ विपक्ष एक बार फिर अपने खोए जनाधार को समेटने कोशिश करता नजर आएगा, वहीं हरियाणा की सत्तारूढ़ बीजेपी मिशन 2019 के लिए कमर कसती हुई दिखाई देगी। फरवरी में बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह जींद में बाइक रैली से 2019 के चुनाव का बिगुल फूकेंगे। इस दौरान बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले शाह हरियाणा का दौरा कर पार्टी का मनोबल बढ़ाते हुए अपना जनाधार बढ़ाते दिखाई देंगे। अमित शाह की बाइक रैली की बात करें तो-

 

शाह की बाइक रैली  

-15 फरवरी से अमित शाह की जींद में बाइक रैली होगी

-इस रैली में लगभग एक लाख बाइक शामिल की जाएंगी

-ये बाइक हरियाणा के विधानसभा क्षेत्रों के तमाम बूथों से होंगी

-एक बूथ से 5 बाइक लाने का टारगेट दिया गया है 

 

जींद इनेलो का परंपरागत गढ़ माना जाता है। लिहाजा बीजेपी की पूरी कोशिश चौटाला का गढ़ भेदने की है। एक तरफ बीजेपी रोहतक में हुड्डा के गढ़ में सेंधमारी में बाद चौटाला के गढ़ में सेंधमारी की रणनीति बना रही है तो दूसरी ओर कयास लगाए जा रहे है कि कांग्रेस भी हरियाणा में राहुल गांधी का बड़ा चुनावी दौरा कराने की फिराक में है। राहुल गांधी के संभावित दौरे की बात करें तो-

 

राहुल का संभावित दौरा

-बहादुरगढ़ से सिरसा

-जीटी रोड से पंचकूला

-अहीरवाल बेल्ट

कोई दिग्गज रथ पर, कोई साइकिल, कोई बाइक पर सवार होकर वोटरों के आगे नतमस्तक होता दिखेगा तो कोई दिन-रात के लिए गांव-कस्बों में अपना तंबू गाड़े मिलेगा। रैलियों, जनसंपर्क यात्राओं और धरने आदि का माहौल तेज होगा। कुल मिलाकर हरियाणा के लिए नया साल सियासी रूप से ज्यादा हैप्निंग होने जा रहा है। अब देखना ये होगा कि किस पार्टी की रणनीति विपक्ष को पटखनी देकर उसका जनाधार बढ़ा पाती है। 


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