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जनरल बिपिन रावत को 21 के बजाय 17 तोपों से दी गई सलामी, जानिए ये है वजह

जनरल बिपिन रावत को 21 के बजाय 17 तोपों से दी गई सलामी, जानिए ये है वजह

 

कन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में जान गवांने वाले भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत  का शव अपने अंतिम सफर पर है।  इसके साथ ही 17 तोपों से सलामी दी गई। आमतौर पर भारत में 21 तोपों की सलाम दी जाती है। लेकिन बिपिन रावत को 17 तोपों से सलामी दी गई। तो आइए जानते हैं इसके पीछे क्या वजह है? 

सम्मान का प्रतीक 
आपको बता दे यह सम्मान (state honor) देने की एक प्रक्रिया है। जिसका फैसला सरकार करती है किसे राजकीय सम्मान देना है किसे नहीं। राजनीति, साहित्य, कानून, विज्ञान और कला के क्षेत्र में योगदान करने वाले शख्सियतों के निधन पर राजकीय सम्मान दिया जाने लगा है। इसके साथ ही  गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस सहित कई अन्य मौकों पर तोपों की सलामी (Gun salute) दी जाती है। विशेष मौकों पर तोपों की सलामी देकर सम्मान दिया जाता है।

17 तोपों की सलामी से किया जाएगा सम्मानित
17 तोपों की सलामी हाई रैंकिंग सेना अधिकारी, नेवल ऑपरेशंस के चीफ और आर्मी और एयरफोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ को दी जाती है। भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद नया है। बिपिन रावत को 17 तोपों से सलामी दी जाएगी क्योंकि ये पद सेना से जुड़ा हुआ है इसलिए उन्हें भी 21 नहीं बल्कि 17 तोपों की ही सलामी दी जाएगी। कई मौकों पर भारत के राष्ट्रपति, सैन्य और वरिष्ठ नेताओं के अंतिम संस्कार के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है। आपको बता दे सलामी देने का प्रचलन 14वीं शताब्दी में शुरू हुआ था।

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