National Herald Case: ईडी ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल ने नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति "हड़पने" के लिए "आपराधिक साजिश" रची, जिसके तहत उन्होंने 99% शेयर सिर्फ 50 लाख रुपये में बेच दिए। संपत्तियां एक निजी फर्म यंग इंडियन द्वारा खरीदी गई थीं, जिसका नियंत्रण सोनिया गांधी और राहुल के पास है।
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र का सार यही है, जिसमें कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया गया है। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि संपत्ति का मौजूदा बाजार मूल्य अब 5,000 करोड़ रुपये है और ईडी ने "अपराध की आय" की पहचान 988 करोड़ रुपये की है। एजेएल की स्थापना भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी।
ईडी की चार्जशीट में सोनिया को आरोपी नंबर 1 और राहुल को आरोपी नंबर 2 बनाया गया है। 25 अप्रैल को एक विशेष अदालत चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर फैसला करेगी। ईडी ने पीएमएलए की धारा 4 के तहत सोनिया, राहुल और अन्य आरोपियों के लिए सजा की मांग की है, जिसमें जेल की अवधि सात साल तक हो सकती है। यह मामला एक ट्रायल कोर्ट के आदेश पर आधारित है, जिसने आयकर विभाग को नेशनल हेराल्ड के मामलों की जांच करने और गांधी परिवार का कर निर्धारण करने की अनुमति दी थी। ट्रायल कोर्ट का यह आदेश पूर्व मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2013 में दायर याचिका पर आया था।