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पंजाब में हो रहे मिलावट के दाग से फल हुए दागी

पंजाब में हो रहे मिलावट के दाग से फल हुए दागी

 

पंजाब सरकार द्वारा प्रायोजित तंदुरुस्त पंजाब मिशन के अंतर्गत लोगों को स्वच्छ आहार उपलब्ध करवाने के लिए शासन और प्रशासन एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासनिक अधिकारियों की टोलियां शहर के विभिन्न भागों में छापामारी कर खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता का आकलन करने में जुटी हैं और इसी छापामारी के दौरान मिलावटी खाद्य पदार्थों का काला सच सामने आया है।

 

पंजाब में हो रहे इस मिलावट के दाग से फल दागी हो गए हैं, वहीं दूध को डिटर्जेंट ने गंदला कर दिया है। अमृतसर की सबसे बड़ी फ्रूट मार्केट रामबाग में स्थित है जहां से सारे शहरों में फल भेजे जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पिछले सप्ताह यहां दो बार रेड की। रेड के दौरान पता चला की आमों को पकाने में कैल्शियम कार्बाइड जैसे खतरनाक रसायन का प्रयोग किया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने फल कारोबारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि इसे पकाने की और कोई विधि नहीं है, क्योंकि पंजाब सरकार ने अमृतसर में फल पकाने के लिए राइपनिंग चैंबर की सुविधा नहीं दी है।

 

आम के अलावा केले, पपीता आदि पकाने में रसायन का प्रयोग किया जा रहा है। दूध का सेवन कर ताकतवर बनने की बात सोचने वाले पंजाबियों को मिलावट का जहर परोसा जा रहा है। गांवों से शहरों की ओर आने वाले ज्यादातर दोधी किसी न किसी रूप में दूध में मिलावट कर रहे हैं। कई स्थानों पर दूध में डिटर्जेंट की मात्रा भी पाई गई है। डिटर्जेंट का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है, ताकि दूध में झाग बढ़ाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने फ्रूट मंडी में जहरनुमा फल बरामद कर उन्हें नष्ट किए थे।

 

बता दें हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने सीमावर्ती गांव में नकली दूध तैयार करने वाले लोगों को बेनकाब किया था। यहां दूध पाउडर, डिटर्जेंट व केमिकल से दूध तैयार किया जा रहा था। विभाग ने भारी मात्र में दूध नष्ट करवाया। पिछले दो महीने में दूध के 100 से ज्यादा सैंपल लिए गए हैं। हालांकि इनकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग मानता है कि इनमें भारी मात्र में मिलावट की गई है।

 

मामले में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लखबीर सिंह भागोवालिया ने कहा कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट के तहत सभी खाद्य वस्तुएं बेचने वाले सभी दुकानदारों को रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस लेना अनिवार्य है। मिलावटखोरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग सख्ती से काम कर रहा है। अब तो मिलावट करने वालों को जुर्माना व सजा का प्रावधान भी है।

 


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