केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। सरकार किसान आंदोलन खत्म करने के लिए किसानों के कुछ सुझावों को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार किसानों को समझाने और बातचीत के माध्यम से रास्ता निकालने के लिए तैयार है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सिर्फ बातचीत के माध्यम से कृषि आंदोलन को समाप्त किया जा सकता है। बातचीत नहीं होने से गलतफहमी पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा, "सरकार सभी अच्छे सुझावों (किसानों से) को स्वीकार करने के लिए तैयार है। इसमें कुछ समय लगेगा। हमारी सरकार किसानों को समझाएगी और बातचीत के जरिए रास्ता निकालेगी।" गडकरी ने आगे कहा, "अगर कोई बातचीत नहीं होती है, तो यह विवाद और छींटाकशी करने के लिए गलतफहमी पैदा कर सकता है। अगर बातचीत होती है तो मुद्दों को हल किया जाएगा, पूरी बात खत्म हो जाएगी, किसानों को न्याय मिलेगा, उन्हें राहत मिलेगी। किसानों का हित के लिए हम काम कर रहे हैं। किसानों को इन कानूनों को समझना चाहिए। हमारी सरकार किसानों के लिए समर्पित है और उनके द्वारा दिए गए सुझावों को स्वीकार करने के लिए तैयार है। हमारी सरकार में किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।"
Our Government will convince the farmers, explain and find a way through dialogue: Union Minister Nitin Gadkari https://t.co/LmgOjFjoY9
— ANI (@ANI) December 15, 2020
उन्होंने कहा कि अभी कृषि और वाणिज्य मंत्री किसानों के साथ बातचीत कर रहे हैं। अगर मुझे किसानों से बात करने के लिए कहा जाता है, तो मैं उनसे बात करूंगा। मंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार ने पिछले छह वर्षों में कई बार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की है। इसके अलावा उन्होंने कहा, "मैं विदर्भ से आता हूं। 10,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। किसानों, किसान संगठनों द्वारा जो सुझाव सही हैं, हम उन बदलावों के लिए तैयार हैं।"
बता दें कि सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बैठकों के बाद भी दोनों पक्षों किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचे हैं। किसान लगातार कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं सरकार भी अपने कदम पीछे करने को तैयार नहीं है।
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