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फरीदाबाद राजकीय महिला कॉलेज यौन उत्पीड़न मामले में प्रदेश सरकार की बड़ी कार्रवाई

फरीदाबाद राजकीय महिला कॉलेज यौन उत्पीड़न मामले में प्रदेश सरकार की बड़ी कार्रवाई

 

फरीदाबाद के राजकीय महिला कॉलेज के यौन उत्पीड़न मामले में प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर, जूनियर लैब सहायक और चपरासी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। छात्रा ने तीनों पर ही शारीरिक शोषण के लिए दबाव डालने के आरोप लगाए थे। छात्रा के बीते आठ मई को ई-मेल से प्रधानमंत्री कार्यालय, डीसी, पुलिस आयुक्त व कॉलेज प्रबंधन को शिकायत करने पर मामला उच्चतर शिक्षा निदेशालय तक पहुंच गया। कॉलेज प्राचार्य ने छात्रा की शिकायत जांचने के लिए कमेटी गठित कर दी थी, लेकिन पीड़िता ने मामले को दबाने का आरोप लगाया था।

वीरवार को उच्चतर शिक्षा निदेशक ए. श्रीनिवास ने पूरे मामले की रिपोर्ट प्राचार्य की गठित समिति से की। समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रथम दृष्टया एसोसिएट प्रोफेसर सीएस वशिष्ठ, जूनियर लैब अटेंडेंट जगदेव, चपरासी विक्रम को दोषी पाया गया। इसे देखते हुए उच्चतर शिक्षा निदेशक ने तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अब पूरे मामले की जांच उच्च शिक्षा निदेशालय की यौन उत्पीड़न शिकायत निवारण समिति करेगी। निदेशक ए.श्रीनिवास ने समिति का पुनर्गठन कर जांच के आदेश जारी कर दिए है। समिति से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है। उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।

उच्चतर निदेशक ए.श्रीनिवास ने सुप्रीम कोर्ट के विशाखा एवं अन्य बनाम स्टेट ऑफ राजस्थान एवं अन्य के मामले में आए फैसले के अनुसार नए सिरे से उच्च शिक्षा निदेशालय की यौन उत्पीड़न शिकायत निवारण समिति का गठन किया है। ये समिति ही अब उच्च शिक्षा से जुड़े यौन उत्पीड़न के पूरे प्रदेश के मामलों की जांच करेगी। समिति का चेयरपर्सन उपनिदेशक सुनीता प्रियदर्शनी को बनाया गया है। उपनिदेशक शैलजा छाबड़ा सदस्य सचिव, उपनिदेशक अरुण जोशी सदस्य, उपनिदेशक अर्चना सदस्य, एडीए विरेंद्र जुआल कानूनी सलाहकार व मोनिका अरोड़ा समिति में एनजीओ के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हैं।

उच्चतर शिक्षा निदेशक ए.श्रीनिवास की ओर से जारी आदेशानुसार कमेटी का गठन हरियाणा सिविल सर्विसेज पुनिशमेंट एंड अपील रूल्स, 2016 के तहत किया गया है। शिकायत निवारण समिति की रिपोर्ट आने पर नियमानुसार कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


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