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Explainer: CBI जांच कब होती है और क्या हैं नियम? सोनम रघुवंशी केस में कितने चांस?

Explainer: CBI जांच कब होती है और क्या हैं नियम? सोनम रघुवंशी केस में कितने चांस?

 

Explained CBI investigation rules India: मध्यप्रदेश के इंदौर से मेघालय के शिलांग में हनीमून पर गए कपल राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी जब 23 मई को लापता हुए और उनकी कोई खबर नहीं मिली तो परिजनों ने मेघालय पुलिस पर ढील बरतने का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी। राजा रघुवंशी का शव बरामद होने के बाद इस मांग ने जोर पकड़ लिया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी।

क्या हर केस CBI को सौंपा जा सकता?

सोनम रघुवंशी के यूपी गाजीपुर में सामने आने के बाद सारा केस ही पलट गया। मेघालय पुलिस ने जहां सोनम रघुवंशी पर आरोप जड़ दिया कि उसने ही भाड़े के लोगों को पैसे देकर पति की हत्या करवाई। वहीं, सोनम के पिता अभी भी बेटी को बेगुनाह मान रहे और सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हैं। अब सवाल सही है कि क्या हर मामला सीबीआई को सौंपा जा सकता है? ऐसा नहीं है। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया, नियम और सीमाएं होती हैं। मेरठ की सौरभ-मुस्कान केस और इंदौर-मेघालय के सोनम केस जैसे हालिया मामलों के जरिए यह समझना जरूरी है कि CBI जांच कब होती है?

क्या है CBI और कब करती है जांच?

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) देश की सबसे प्रतिष्ठित जांच एजेंसी है। 1946 के दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम के तहत इसकी स्थापना हुई थी। सीबीआई मुख्यतः भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध, संगठित अपराध और ऐसे मामलों की जांच करती है जिनमें, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय पहलू हों। CBI किसी भी केस की जांच स्वतः नहीं कर सकती। इसके लिए तीन प्रमुख रास्ते हैं:

केंद्र सरकार के आदेश पर

यदि कोई मामला केंद्र सरकार के कर्मचारियों, सार्वजनिक उपक्रमों या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो तो केंद्र सरकार गृह मंत्रालय के जरिए CBI को जांच सौंप सकती है। जैसे 2G स्पेक्ट्रम घोटाला, कोलगेट घोटाला।

राज्य सरकार की सहमति या सिफारिश पर

यदि कोई मामला स्थानीय पुलिस की क्षमता से बाहर हो या निष्पक्षता पर सवाल हों तो CBI जांच की सिफारिश कर सकती हैं। राजा रघुवंशी की हत्या में सोनम का नाम सामने आने पर उसके परिजनों ने बेटी को बेकसूर बताते हुए CBI जांच की मांग की है। उन्होंने मेघालय पुलिस की जांच पर सवाल उठाए

न्यायालय के आदेश पर

सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट किसी मामले में स्वतः संज्ञान लेकर या याचिका पर CBI जांच का आदेश दे सकते हैं, खासकर जब मामला सार्वजनिक महत्व, मानवाधिकार या संवैधानिक मुद्दों से जुड़ा हो।

जांच की प्रक्रिया क्या होती है?

CBI जांच की शुरुआत होती है प्रारंभिक जांच से। यदि इसमें पर्याप्त सबूत मिलते हैं तो FIR दर्ज होती है और नियमित जांच शुरू होती है। जांच पूरी होने के बाद चार्जशीट अदालत में दाखिल की जाती है।

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