अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने एक बार फिर पाक के पीएम इमरान खान ने कश्मीर कार्ड चला लेकिन वह फिर फेल हो गया। ट्रंप ने कहा कि भारत पाकिस्तान मिलकर ही मामला सुलझाएं। इमरान खान के सामने राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं लेकिन मध्यस्थता तभी होगी जब इसके लिए भारत भी तैयार होगा। ट्रंप ने कहा कि यह एक जटिल मुद्दा है, यह लंबे समय से चल रहा है लेकिन अगर दोनों ऐसा चाहते हैं, तो वे मधस्थता के लिए तैयार हैं।
जाहिर है कि भारत, कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मानता है और ये साफ है कि भारत इसमें किसी तीसरे की भूमिका नहीं मानता है। ऐसे में ट्रंप के भारत की सहमति वाले बयान के बाद इमरान खान को कश्मीर के मुद्दे पर एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। ट्रंप ने कहा कि अकेले इमरान खान के तैयार होने से कुछ नहीं होता, दूसरे पक्ष का तैयार होना भी जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भारत-पाक इसे मिलकर सुलझाएंगे।
इमरान खान के साथ द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान ट्रंप ने हाउडी मोदी कार्यक्रम का भी जिक्र किया। ट्रंप ने कहा, मैं वहां बैठा था, मैंने भारत और प्रधानमंत्री की तरफ से बहुत की आक्रामक बयान सुना। मैं ये कहूंगा कि वहां 59000 लोगों का अच्छा समर्थन मिला। इमरान खान ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और इमरान खान दोनों से उनके अच्छे संबंध हैं।
बता दें कि इससे पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति कश्मीर मुद्दे को लेकर दोनों देशों के भी मध्यस्थता की बात कह चुके हैं जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था। जुलाई में इमरान खान ने ट्रंप से मुलाकात की थी। दोनों की मुलाकात के बाद ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की इच्छा जताई थी। भारत ने इसे खारिज कर दिया था।