26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने मुख्य आरोपी दीप सिद्धू से कई घंटे पूछताछ की। जिसके बाद दीप सिद्धू ने कई राज खोले। सिद्धू ने पुलिस को बताया है कि वह इसलिए छिप रहा था क्योंकि उसकी जान जोखिम में थी और उसे डर था कि उसे मार दिया जाएगा, क्योंकि किसान नेताओं ने हिंसा का सारा दोष उसके ऊपर लगा दिया है।
दीप सिद्धू ने अपने बयान में कहा कि बताया कि गणतंत्र दिवस की रैली से 15 दिन पहले पंजाब में और सिंघु सीमा पर किसान नेता किसानों को बता रहे थे कि वे नई दिल्ली, संसद, इंडिया गेट और लाल किले के लिए अपनी ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। दीप सिद्धू ने कहा कि उसका कोई बुरा इरादा नहीं था और जैसे सभी वहां जा रहे थे तो वह भी चला गया था।
पुलिस से पूछताछ के दौरान सिद्धू ने शुरू में 25 जनवरी को सिंघू बॉर्डर पर अपनी मौजदूगी से इनकार किया लेकिन जब उसे पुलिस ने सबूत दिखाया तो उसने माना कि वह किसान प्रदर्शन स्थल पर था लेकिन वह वहां से थोड़ी दूरी पर सोया था। दीप ने दावा किया कि जब वह 26 जनवरी को जगा तो उसके मोबाइल फोन पर लोगों के लालकिले की ओर बढ़ने के बारे में तीन मिस्ड कॉल और संदेश थे,तो वह भी अपने तीन दोस्तों के साथ वहां पहुंच गया। उसने कहा कि वह पूर्वान्ह्र 11 बजे अपने दोस्तों के साथ गाड़ी से सिंघू बार्डर से चला और एक बजे लाल किला पहुंचा। उसने कहा कि हिंसा फैलने के बाद वह उसी गाड़ी से लौट आया।
बता दें कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को सिद्धू से उसके ठिकानों और 26 जनवरी को लालकिले पर हुई हिंसा के बारे में पूछताछ की। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को सिद्धू को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। उससे एक दिन पहले उसे लालकिला हिंसा के सिलसिले में करनाल बाइपास से गिरफ्तार किया गया था।
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