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लॉकडाउन में फंस गया था बेटा, 1400 KM स्कूटी चलाकर घर वापस ले आई मां

लॉकडाउन में फंस गया था बेटा, 1400 KM स्कूटी चलाकर घर वापस ले आई मां

 

कोरोना वायरस के चलते देश में लगे लॉकडाउन के कारण काफी लोग अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं और अपने घर नहीं जा पा रहे हैं। लेकिन इस बीच एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे पढ़कर आपको वो मिसाल एक बार फिर याद आ जाएगी कि अगर एक मां चाहे तो अपने बच्चे के लिए कुछ भी सकती है। दरअसल, एक महिला का बेटा घर से करीब 700 किलोमीटर दूर लॉकडाउन की वजह से फंस गया था, जिसके बाद मां स्कूटी से 1400 किलोमीटर की यात्रा कर अपने बेटे को घर वापस ले आई। 

जी हां, तेलंगाना के निजामाबाद जिले में रहने वालीं रजिया बेगम अपनी स्कूटी से 700 किलोमीटर दूर नेल्लोर चली गईं, जहां उनका बेटा लॉकडाउन में फंसा था और फिर अपने बेटे को स्कूटी पर बैठाकर घर वापस ले आईं। आपको बता दें कि रजिया बेगम निजामाबाद के बोधन शहर में एक सरकारी शिक्षिका हैं।

रजिया अपने बेटे को लाने के लिए सोमवार की सुबह स्कूटी से निकलती हैं और मंगलवार को दोपहर में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर पहुंचती हैं। वहां से वह अपने 17 साल के बेटे मोहम्मद निजामुद्दीन को स्कूटी पर बैठाकर घर वापस लेकर आती हैं और बुधवार को शाम में वह अपने घर पहुंचती हैं। इस दौरान रजिया तीन दिनों में कुल 1400 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। दरअसल, रजिया बेगम का बेटा नेल्लोर में अपने दोस्त के घर पर फंस गया था।

आपको बता दें कि लॉकडाउन की वजह से रजिया की मदद बोधन जिले के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर वी जयपाल रेड्डी ने की। जहां कही भी रजिया से पूछा जाता वह अपने बेटे को वापस लाने का वाजिब कारण बताती हैं और उनसे जाने की मंजूरी मांगती हैं। इसके अलावा रजिया की गुहार सुनकर जयपाल रेड्डी ने उन्हें एक विशेष लेटर जारी किया था, ताकि प्रशासन कहीं भी रोके-टोके नहीं। हालांकि, इस दौरान रजिया को कई जगहों पर पुलिसवाले रोकते भी हैं, लेकिन एसीपी द्वारा दी गई विशेष पास की मदद से उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हुई और वह अपने बेटे को सुरक्षित घर लाने में कामयाब हुईं।

मिली जानकारी के मुताबिक, रजिया के पति 12 साल पहले एक बीमारी की वजह से गुजर चुके हैं। उनके दो बच्चे हैं, एक बेटा और एक बेटी। बेटा निजामुद्दीन 2019 में 12वीं पास कर गया है और अब वह हैदराबाद में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा है। बीते दिनों निजामुद्दीन अपने दोस्त के साथ नेल्लोर गया था, जहां उसके दोस्त के पापा अस्पताल में भर्ती थे। तभी अचानक 23 तारीख को लॉकडाउन का ऐलान हो गया और वह अपने दोस्त के घर पर फंस गया।

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