कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 संकट से निपटने के तरीकों को लेकर अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान और स्वास्थ्य से जुड़े प्रमुख विशेषज्ञों से चर्चा की। श्रृंखला में राहुल ने जन स्वास्थ्य पेशेवर आशीष झा और स्वीडिश महामारी विशेषज्ञ जोहान गिसेके से बातचीत की। ये बातचीत राहुल गांधी की 'कोविड संकट' श्रृंखला की तीसरी कड़ी का आधार है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेषज्ञों से बातचीत का वीडियो राहुल गांधी ने बुधवार को साझा किया है। इस बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कोरोना वायरस वैक्सीन के आने की संभावना पर एक सवाल पूछा, जिसके जवाब में आशीष झा ने कहा कि अगले साल तक इसकी वैक्सीन आ जाएगी।
दरअसल, विशेषज्ञों के साथ बातचीत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राहुल गांधी पूछते हैं, 'ये भैया बताइए कि वैक्सीन कब आएगी?' इसके जवाब में आशीष झा कहते हैं, 'दो तीन वैक्सीन है, जो एक अमेरिका, एक चीन और एक ऑक्सफोर्ड की है। ये तीनों प्रॉमिसिंग लग रहा है। मुझे नहीं बता कि कौन सा काम करेगा। हो सकता है तीनों काम कर जाए या फिर कोई एक। मुझे पूरा यकीन है कि वैक्सीन कहीं न कहीं से अगले साल तक आ जाएगी।'
"Yeh bhaiya bataiye ki vaccine kab aayegi?," Rahul Gandhi to public health expert Prof Ashish Jha, to which Jha says, "I am very confident a vaccine will come by next year". pic.twitter.com/xBUb6zLXKI
— ANI (@ANI) May 27, 2020
इसके अलावा भारतीय मूल के जाने माने अमेरिकी लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ आशीष झा ने कहा कि कोविड-19 वायरस अगले साल तक रहने वाला है और लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियां आरंभ करते समय लोगों के बीच विश्वास पैदा करने की जरूरत है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान 'ब्राउन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ' के नवनियुक्त डीन झा ने यह भी कहा कि भारत को लॉकडाउन और कोरोना जांच को लेकर रणनीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव के साथ ही इसका मनोवैज्ञानिक असर भी है और सरकारों को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।
To view my complete conversation with global public health experts, Prof Ashish Jha & Prof Johan Giesecke on the nature of the Covid19 virus & its global health implications, click on the link below, now: https://t.co/4WBysSnKTg
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 27, 2020
Here’s a short clip from the video. pic.twitter.com/gRygxlLuvG
वही, 'हारवर्ड ग्लोब्ल हेल्थ इंस्टीट्यूट' के निदेशक झा ने कहा, 'इस वायरस का मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी है। लॉकडाउन के जरिए आप अपने लोगों को एक तरह का संदेश देते हैं कि स्थिति गंभीर है। ऐसे में जब आप आर्थिक गतिविधियां खोलते हैं तो आपको लोगों में विश्वास पैदा करना होता है।'
To view my complete conversation with global public health experts, Prof Ashish Jha & Prof Johan Giesecke on the nature of the Covid19 virus & its global health implications, click on the link below, now: https://t.co/4WBysSnKTg
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 27, 2020
Here’s a short clip from the video. pic.twitter.com/gRygxlLuvG
उनके मुताबिक यह वायरस अगले 18 महीने यानी 2021 तक रहने वाली समस्या है। अगले साल ही कोई टीका या दवा आएगी। लोगों को समझने की जरूरत है कि अब जीवन बदलने वाला है। अब जीवन पहले जैसा नहीं रहेगा। लॉकडाउन से जुड़े राहुल के एक सवाल के जवाब में झा ने कहा कि सरकारों को रणनीति बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए अच्छी बात यह है कि उसके पास बड़ी संख्या में नौजवान आबादी है जिसके लिए कोरोना घातक नहीं होगा। बुजुर्गों और अस्पतालों में भर्ती लोगों का ख्याल रखना होगा।
इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा था, 'आज, सुबह 10 बजे, दो शानदार वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ #Covid19 संकट पर मेरी बातचीत देखें - हार्वर्ड के प्रोफेसर आशीष झा और स्वीडन के करोलिंस्का इंस्टीट्यूट के प्रो।'
Today, 10 AM onwards, watch my conversation on the #Covid19 crisis with two brilliant global health experts - Prof Ashish Jha from Harvard & Prof Johan Giesecke from the Karolinska Institute, Sweden.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 27, 2020
Available on all my social media platforms. pic.twitter.com/ptUN2dIwd8
वही, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बातचीत का प्रसारण कांग्रेस के सोशल मीडिया चैनल पर बुधवार सुबह किया जाएगा। आपको बता दें कि पिछली श्रृंखला में राहुल गांधी ने दुनिया के प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री रघुराम राजन और नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से बातचीत की थी।
यह भी पढ़ें- राहुल गांधी बोले- बिकाऊ मीडिया अपने मालिकों की खुशी के लिए सच के साथ करता है खिलवाड़