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गुरमीत राम रहीम की पैरोल पर बोले सीएम मनोहर लाल, हर कैदी को पैरोल मांगने का अधिकार

गुरमीत राम रहीम की पैरोल पर बोले सीएम मनोहर लाल, हर कैदी को पैरोल मांगने का अधिकार

 

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल पर प्रशासन अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाया है।  इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को कहा कि उसे पैरोल मांगने का अधिकार है। साथ ही कहा कि कोई भी पैरोल मांग सकता है। यह उसका हक है, जिससे उसे रोका नहीं जा सकता है। मुख्यमंत्री ने एक प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कोई भी कैदी जेल अधीक्षक से पैरोल मांगता है। जेल अधीक्षक उसे जिला उपायुक्त को भेजता है। वह उसे पुलिस अधीक्षक को भेजता है। अंतिम अनुमति डिविजनल कमिश्नर देता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार द्वारा कोई निर्णय लेने की बात आएगी तो प्रदेश हित को देखते हुए फैसला लिया जाएगा। 

रोहतक की सुनारियां जेल में बंद गुरमीत राम रहीम ने पिछले सप्ताह खेती करने के लिए पैरोल मांगी थी। जेल अधीक्षक ने सिरसा जिला प्रशासन को पत्र लिखकर पूछा था कि क्या उसे पैरोल देना उचित होगा? पत्र में बताया गया है कि उसका जेल में आचरण अच्छा रहा है। अब जिला प्रशासन को यह तय करना होगा कि उसकी पैरोल के लिए अनुशंसा की जाए या नहीं।  सिरसा के तहसीलदार ने रिपोर्ट में बताया है कि डेरे के पास कुल 250 एकड़ जमीन है। इसमें कहीं भी राम रहीम मालिक या काश्तकार नहीं है। सारी भूमि डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट के नाम है। इसी वजह से प्रशासन की नजर में पैरोल का आधार नहीं बन रहा है।

बता दे जनवरी में सीबीआई की विशेष अदालत ने पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में राम रहीम समेत चार लोगों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जस्टिस जगदीप सिंह की अदालत ने फैसला सुनाया था कि राम रहीम की यह सजा साध्वी यौन शोषण मामले की 20 वर्ष की सजा पूरी होने के बाद शुरू होगी।


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