Child Health Story : बच्चों का पेट बहुत संवेदनशील होता है, इसलिए ज़रा सी भी गंदगी, दूषित भोजन या बाहर की अनहाइजीनिक चीजें उनके स्वास्थ्य पर तुरंत असर डाल देती हैं। आजकल बच्चे पैकेट वाले स्नैक्स, स्ट्रीट फूड, कटे हुए फल, खुले में पड़ी मिठाई या अस्वच्छ स्थानों पर मिलने वाले खाने की चीज़ें खाने के लिए जल्दी तैयार हो जाते हैं। ऐसे में पेट दर्द, गैस, उल्टी और डायरिया जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। माता-पिता के लिए यह समझना जरूरी है कि अनहाइजीनिक फूड बच्चों के पेट में बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी संक्रमण का सबसे बड़ा कारण बनता है।
अनहाइजीनिक फूड में क्या-क्या शामिल
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि अनहाइजीनिक फूड में क्या-क्या शामिल है- खुले में रखा भोजन, गंदे हाथों से बनाया खाना, बिना धोए फल-सब्जियां, एक्सपायर हो चुके पैकेट स्नैक्स, बासी खाना, और साफ पानी की जगह बाहर के असुरक्षित पानी का सेवन। ऐसे भोजन में हानिकारक कीटाणु तेजी से पनपते हैं, जो बच्चों की इम्युनिटी को नुकसान पहुंचाते हैं। यही वजह है कि बच्चे अक्सर पेट में ऐंठन, अपच और दर्द की शिकायत करते रहते हैं।
समस्या के लक्षण
अनहाइजीनिक भोजन का असर बच्चों पर तुरंत दिखाई देने लगता है। उन्हें लगातार पेट में चुभन, ढीले दस्त, भूख न लगना, उल्टी, पेट फूलना और पानी की कमी जैसे लक्षण नजर आते हैं। कई बार शरीर में बुखार भी हो सकता है, जो संक्रमण का संकेत देता है।
बचाव कैसे करें?
सबसे जरूरी है साफ-सफाई। बच्चों को सिखाएं कि खाना खाने से पहले हाथ अच्छी तरह धोएं। बाहर खाने से जितना हो सके बचाएं, खासकर स्कूल के आसपास मिलने वाले खुले स्नैक्स से। घर में बना ताज़ा खाना दें और खाने-पीने की चीजों को हमेशा ढककर रखें। फलों और सब्जियों को खाने से पहले साफ पानी से अच्छी तरह धोना बेहद जरूरी है। अगर बच्चा पानी की बोतल साथ लेकर जाता है, तो उसमें साफ और उबला हुआ या फ़िल्टर किया हुआ पानी ही भरें। कई बार बच्चे स्कूल में ठंडा पानी पसंद करते हैं और वहीं से संक्रमण की शुरुआत हो जाती है।
कब डॉक्टर के पास जाएं?
अगर पेट दर्द के साथ-साथ बच्चा लगातार उल्टी कर रहा हो, तेज़ बुखार आए, खून की कमी दिखे या दो दिनों तक दस्त न रुके, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर संक्रमण की पहचान कर सही दवा और डाइट बताएंगे।