Uttarakhand News (Rudrapur) : अगर आप भी पैसे की लेन-देन में विश्वास के तौर पर बैक अकाउंट का चेक देते हैं और वह किसी कारण-वश बाउंस हो जाता हो तो आपको भारी महंगा पड़ सकता है। इसलिए आप सावधान हो जाए। चेक बाउंस के एक मामले में सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने दोषी को तीन माह की सजा के साथ 3.10 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। अदालत ने इसे आर्थिक लेन-देन में लापरवाही और भरोसे का उल्लंघन मानते हुए कड़ी कार्रवाई की, जिससे ऐसे मामलों में सख्ती का स्पष्ट संदेश गया है।
राज्य के पक्ष में जमा होगी 10 हजार रुपये
सिविल जज जूनियर डिवीजन रिजवान अंसारी की अदालत ने चेक बाउंस में सिंह कालोनी निवासी व्यक्ति को तीन माह की कारावास और 3.10 लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माने के तीन लाख रुपये पीड़ित को प्रतिकर के रूप में अदा करना होगा। जबकि 10 हजार रुपये राज्य के पक्ष में जमा होगी। इस मामले में एडवोकेट राहुल प्रजापति ने बताया कि इंदिरा कालोनी निवासी पंकज प्रजापति ने दायर याचिका में कहा था कि सिंह कालोनी निवासी प्रेम पाल से उसकी जान पहचान थी। नवंबर 2021 को प्रेम पाल ने कारोबार में आवश्यकता बताते हुए उससे 3.23 लाख रुपये उधार लिए। साथ ही धनराशि जल्द वापस करने का आश्वासन भी दिया था।
3 माह का कारावास और 3.10 लाख का अर्थदंड
हालांकि, कुछ माह बाद जब उसने रुपये मांगे तो उसे 22774 रुपये दिए गए। शेष धनराशि देने के लिए आनाकानी करते हुए कुछ समय मांगा। दबाव बनाने पर उसने 15 सितंबर 2022 को तीन लाख रुपये का चेक दिया लेकिन वह बाउंस हो गया। मामला सिविल जज जूनियर डिवीजन रिजवान अंसारी की अदालत में चला। अदालत ने दोनों पक्षों की जिरह सुनी और चेक बाउंस में प्रेम पाल को तीन माह का कारावास व 3.10 लाख का अर्थदंड देने की सजा सुनाई।