एक ओर मोदी सरकार नोट बंदी को लाभकारी फैसला बताती आ रही है. वहीं दूसरी ओर नोट बंदी से फ़िरोज़पुर शहर का एक हस्ता खेलता परिवार जरूर उजड़ गया. फिरोजपुर में अपने ही घर में कैद हुई 84 वर्षीय महिला ओर उसका परिवार बैंक के रिकवरी टीम ने पुलिस की मौजूदगी में घर के बाहर ताला जड़ दिया. परिवार पर 15 लाख का कर्जा है जिसका आदालत में केस चल रहा है.
दरअसल, ये परिवार बैंक से लिए हुए 15 लाख का कर्ज ना मोड़ पाने के कारण अपने ही घर में कैद हो कर रह गया. नोट बंदी में उनका व्यापार ऐसा चोपट हुआ कि कारोबार दोबारा खड़ा करने के लिए मजबूरन कैनरा बैंक से 15 लाख का लोन लेना पड़ा. बात यहीं खत्म नहीं हुई इसके बाद GST से जब बाजार मंदी आई तो हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ती गई. जिसके चलते बैंक का लोन लौटा पाना नामुमकिन हो गया.
पीड़ित हरजीत सिंह ने बताया कि वो ट्रक यूनियन के पास ट्रक स्पेयरपार्ट की दुकान चलाते थे, लेकिन नोट बंदी में उसका कारोबार ऐसी मंदी में आया कि उसका सब कुछ बर्बाद हो गया. जिसके चलते मजबूरन उन्हें बैंक से लोन लिया. लेकिन कारोबार में मंदी के चलते वो लौटा ना सके.
इतना सब होने के बाद उसने अपना घर और दुकान बेच कर बैंक को पैसे देने की कोशिश करी. मगर बैंक ने उनसे पहले ही घर की बोली ऑनलाइन लगा दी. जिसके चलते उन्हें बिनानोटिस ही बेघर कर दिया गया. जिसके बाद हरजीत सिंह ने मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाया. और आदालत में अभी केस चल ही रहा था की बैंक रिकवरी टीम ने पुलिस और तहसीलदार को साथ लेकर उनके घर को सील कर दिया. पीडित परिवार में बुज़ुर्ग महिला, बच्चों समेत सभी को घर के कमरों में कैद कर कमरों और बाहर के गेट को सील कर दिया. हरजीत सिंह ने अधिकारियों को आदालत में चल रहे केस की कापियां भी दिखाई मगर उनकी किसी ने एक न सुनी.
घटनास्थल पर परिवार की मदद करने के लिए पहुंचे इस शख्स द्वारा पुलिस की कार्रवाई को देख वीडियो बनाने पर पुलिस ने इस व्यक्ति के साथ की मारपीट की और मोबाइल में बनाई गई वीडियो को भी डिलीट कर दिया.इस संबंध में पुलिस और तहसीलदार ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया, क्योंकि वो भी जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों की इस तरह की रिकवरी टीम पर कब की रोक लगा दी है.