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Haryana Exit Poll Results 2019: हरियाणा में बीजेपी को 8 से 10 सीटों पर जीत

Haryana Exit Poll Results 2019: हरियाणा में बीजेपी को 8 से 10 सीटों पर जीत

 

नईदिल्ली. विभिन्न सर्वे की रिपोर्ट्स की मानें तो 2019 के चुनाव परिणाम दिल्ली और हरियाणा में 2014 की तरह ही हो सकते हैं। यहां भाजपा को फायदा होगा। पंजाब में कांग्रेस को बढ़त मिलते दिख रही है। आम आदमी पार्टी के लिए तीनों राज्यों में से एक सीट मिलना भी मुश्किल दिख रहा है।

बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने हरियाणा में सात सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि आईएनएलडी को दो और अन्‍य के खाते में एक सीट गई थीं।

आज तक के एक्जिट पोल के मुताबिक, हरियाणा में भाजपा को आठ से 10 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस के खाते में दो सीटें जाने का आकलन किया गया है। न्‍यूज-24 के सर्वे के मुताबिक, हरियाणा में भाजपा क्‍लीन स्विप कर सकती है। न्‍यूज-24 ने राज्‍य में भाजपा को 10 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। जनता टीवी ने भाजपा को 9 सीटें मिलने का अनुमान जताया है यदि यह एक्जिट पोल हकीकत में बदलता है तो पूर्व मुख्‍यमंत्री कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा को बड़ा झटका लग सकता है। 

इस बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत से जबकि उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से चुनाव लड़ रहे हैं। एक्जिट पोल से साफ संकेत मिल रहा है कि रोहतक पर इस बार कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा के लिए राह आसान नहीं होगी। यहां उनकी टक्कर भाजपा प्रत्याशी अरविंद शर्मा से है। भाजपा ने भी इस चुनाव में अपने प्रत्‍याशी को जिताने के लिए रोहतक में पूरी ताकत झोंक दी थी।  

यदि एक्जिट पोल के दूसरे पहलुओं पर गौर करें तो इन दोनों ही राज्‍यों भाजपा को विपक्षी फूट का सीधा फायदा मिलता दिखाई दे रहा है। दरअसल, चुनाव से पहले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से गठबंधन करना चाहते थे, लेकिन बात बन नहीं पाई। असल में आम आदमी पार्टी दिल्‍ली के अलावा हरियाणा में भी कांग्रेस से गठबंधन करना चाहती थी। लेकिन, कांग्रेस ने हरियाणा में आप से गठबंधन करने का फैसला ठुकरा दिया था। यहां तक कि दिल्‍ली में भी शीला दीक्षित आप के साथ गठबंधन को लेकर रजामंद नहीं थीं। 

यदि एक्जिट पोल के दूसरे पहलुओं पर गौर करें तो इन दोनों ही राज्‍यों भाजपा को विपक्षी फूट का सीधा फायदा मिलता दिखाई दे रहा है। दरअसल, चुनाव से पहले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से गठबंधन करना चाहते थे, लेकिन बात बन नहीं पाई। असल में आम आदमी पार्टी दिल्‍ली के अलावा हरियाणा में भी कांग्रेस से गठबंधन करना चाहती थी। लेकिन, कांग्रेस ने हरियाणा में आप से गठबंधन करने का फैसला ठुकरा दिया था। यहां तक कि दिल्‍ली में भी शीला दीक्षित आप के साथ गठबंधन को लेकर रजामंद नहीं थीं। 

हरियाणा

हरियाणा : कुल 10 सीटें

भाजपा+

कांग्रेस+

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