Bihar Election 2025 : बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज़ हो गई हैं। राज्य में चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर 2025 को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर 2025 को होगा। जबकि 14 नवंबर 2025 को वोटों की गिनती होगी। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 4 नवंबर को एक ऐसा बयान दे दिया जिसने राजनीतिक हलचल मचा दी।
सिर्फ 10% आबादी के कंट्रोल में हैं - राहुल गांधी
बिहार के औरंगाबाद जिले के कटुंबा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश की सेना और बड़े संस्थान सिर्फ 10% आबादी के कंट्रोल में हैं, जबकि बाकी 90% लोग दलित, पिछड़े, अत्यंत पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय कहीं भी प्रतिनिधित्व नहीं पाते। उन्होंने कहा, अगर आप ध्यान से देखेंगे तो देश की 90 प्रतिशत आबादी दलित, महादलित, पिछड़ा, अत्यंत पिछड़ा या अल्पसंख्यक समुदाय से आती है. नब्बे प्रतिशत लोग समाज के सबसे पिछड़े और आदिवासी वर्गों से हैं। अगर आप भारत की 500 सबसे बड़ी कंपनियों की सूची निकालेंगे तो उसमें पिछड़े या दलित समुदाय का कोई व्यक्ति नहीं मिलेगा। सभी उसी शीर्ष 10 प्रतिशत आबादी से आते हैं। सारी नौकरियां उन्हीं के पास जाती हैं। उनके हाथ में सेना का नियंत्रण है। देश की बाकी 90 प्रतिशत आबादी का कहीं प्रतिनिधित्व नहीं दिखेगा।
भाजपा ने दी तीखी प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने कहा, हम ऐसा भारत चाहते हैं जिसमें देश की 90 प्रतिशत आबादी के लिए जगह हो, जहां लोग सम्मान और खुशी से जी सकें। कांग्रेस पार्टी हमेशा से पिछड़ों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रही है। राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने कहा, राहुल गांधी अब सेना में जाति ढूंढ रहे हैं और कह रहे हैं कि 10 प्रतिशत लोग इसे नियंत्रित करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी नफरत अब भारत के प्रति नफरत में बदल गई है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान न केवल सेना का अपमान है बल्कि देश की एकता और अखंडता के खिलाफ भी है।
2,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा
यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी सेना को लेकर विवादों में घिरे हों। इससे पहले अगस्त महीने में भी उन्होंने एक बयान दिया था जिसमें कहा गया था कि चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जवानों को पीट रहे हैं। उन्होंने दावा किया था कि चीनी सेना ने भारत की 2,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है और भारतीय सैनिकों को थ्रैश कर रही है। उनके इस बयान पर लखनऊ के एक रिटायर्ड डिफेंस अफसर ने मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि राहुल गांधी के बयान से भारतीय सेना की छवि को ठेस पहुंची है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिकायत को रद्द करने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा नहीं कहेंगे
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने राहुल गांधी से पूछा था कि उनके बयानों का आधार क्या है। अदालत ने यह भी टिप्पणी की थी। अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा नहीं कहेंगे। राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में चुनावी माहौल चरम पर है। उनकी यह टिप्पणी न सिर्फ जातीय राजनीति को फिर से केंद्र में ले आई है, बल्कि सेना जैसे संवेदनशील संस्थान को चर्चा में लाकर उन्होंने विरोधियों को भी बड़ा मुद्दा दे दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी की इस टिप्पणी से कांग्रेस को पिछड़े और दलित वोटरों में कुछ सहानुभूति जरूर मिल सकती है, लेकिन बीजेपी इस बयान को राष्ट्रवाद बनाम जातिवाद की बहस में बदल सकती है।