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Air India: एयर इंडिया की लगी बोली, 18000 करोड़ में टाटा ने खरीदा

Air India: एयर इंडिया की लगी बोली, 18000 करोड़ में टाटा ने खरीदा

 

सालों से कर्ज के तले दबी सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India) फिर घर वापसी हो गई है। एयर इंडिया के लिए विनिंग बिड टाटा सन्स की इकाई ने जीती है। इस बारे DIPAM के सेक्रेटरी तुहीन कांत पांडे ने घोषणा की है। पांडे ने शुक्रवार शाम को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि टाटा सन्स की इकाई Talace Pvt Ltd 18000 करोड़ रुपये के साथ एयर इंडिया के लिए विनिंग बिडर रही। यह सौदा इस साल दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) और स्पाइसजेट (SpiceJet) के अजय सिंह ने बोली लगाई थी।

सरकार एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। साथ ही एयर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AISATS में 50 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। इसके लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के अजय सिंह ने व्यक्तिगत बोली लगाई थी। मोदी सरकार के निजीकरण कार्यक्रम में एयर इंडिया की बिक्री सबसे अहम है। गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में मंत्रियों की एक समिति खुद इसकी निगरानी कर रही है। मौजूदा प्रस्ताव के मुताबिक एयर इंडिया को 23,000 करोड़ रुपये के कर्ज के साथ नए मालिक को ट्रांसफर किया जाएगा। कंपनी का बाकी कर्ज Air India Asset Holdings Ltd (AIAHL) को ट्रांसफर किया जाएगा।

एयर इंडिया को टाटा समूह ने ही शुरू किया था और अब 68 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया के टाटा समूह की झोली में आने की उम्मीद जगी है। जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी। दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त विमान सेवाएं रोक दी गई थीं। जब फिर से विमान सेवाएं बहाल हुईं तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर उसका नाम एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया। आजादी के बाद 1947 में एयर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली थी। 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया।

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