कोरोना संकट के बीच बुधवार को पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान 'अम्फान' आया जिसने राज्य को जन-जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इस बीच पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने आज रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। सचिव ने पत्र में लिखा है कि जिला प्रशासन इस वक्त चक्रवात तूफान अम्फान के कारण हुई तबाही से राहत और पुनर्वास के कार्यों में व्यस्त है। यही वजह है कि अगले कुछ दिनों तक स्पेशल ट्रेनों को रिसीव करना संभव नहीं होगा। इसलिए आपसे अनुरोध है कि 26 मई तक पश्चिम बंगाल में कोई भी श्रमिक ट्रेन न भेजी जाए।
आपको बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल में आए चक्रवाती तूफान अम्फान से करीब 80 लोगों की जान चली गई है। जिसके बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य का हवाई सर्वेक्षण किया और बैठक के जरिए स्थिति का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण के बाद पीएम मोदी ने राज्य सरकार को एक हजार करोड़ रुपये देने का ऐलान किया। साथ ही पीएम मोदी ने तूफान से निपटने में ममता सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की।
अमित शाह ने ममता सरकार पर लगाए थे ये आरोप
दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह ने एक पत्र में आरोप लगाया था कि बंगाल अपने प्रवासियों को लौटने की अनुमति नहीं दे रहा है। बाद में यह तय किया गया कि इन ट्रेनों के परिचालन के लिए गंतव्य राज्य की सहमति लेना जरूरी नहीं है। कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए श्रमिक विशेष रेलगाड़ी सेवा शुरू करने के बाद सबसे कम रेलगाड़ियां पश्चिम बंगाल में ही भेजी गई हैं। एक मई से अब तक करीब 2,000 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं जिनमें 31 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया। बंगाल में अब तक करीब 25 रेलगाड़ियां आई हैं।