कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच सोमवार को अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत रसातल में पहुंच गई। न्यूयॉर्क में कच्चे तेल की कीमत में इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) ने 20 अप्रैल को अब तक के इतिहास में अपना सबसे बुरा दिन देखा। सोमवार को डब्ल्यूटीआई में कच्चा तेल का भाव गिरकर 0 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे -$37.63 प्रति बैरल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।
कारोबार की शुरुआत 18.27 डॉलर प्रति बैरल से हुई थी लेकिन यह ऐतिहासिक 1 डॉलर और उसके बाद जीरो और बाद में कम होकर निगेटिव में पहुंच गई। बता दें कि 1946 के बाद पहली बार इस तरह की गिरावट देखने को मिली है। कच्चे तेल की मांग घटने और स्टोरेज की कमी की वजह से तेल कीमतों में यह गिरावट आई है।
गौरतलब है कि तेल के सबसे बड़े निर्यातक OPEC और इसके सहयोगी जैसे रूस, पहले ही तेल के उत्पादन में रिकॉर्ड कमी लाने पर सहमत हो चुके थे। अमेरिका और बाकी देशों ने भी तेल उत्पादन में कमी लाने का फैसला किया थाा। लेकिन, कोविड-19 के चलते बंद पड़े उद्योग धंधे की वजह से तेल उत्पादन में कमी लाने के बावजूद दुनिया के पास इस्तेमाल की जरूरत से अधिक कच्चा तेल उपलब्ध है।
वही, इससे पहले सोमवार को बाजार खुलने पर भाव यह 10.34 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था जो 1986 के बाद इसका सबसे निचला स्तर था। कोरोना वायरस संकट की वजह से दुनियाभर में घटी तेल की मांग के चलते इसकी कीमतें लगातार गिर रही है।