Rishi panchmi 2021 : भाद्रपद मास में शुक्ल पंचमी के दिन ऋषि पंचमी का व्रत आता है। हिन्दू धर्म में ऋषि पंचमी व्रत का बहुत विशेष महत्व माना जाता है। ऋषि पंचमी व्रत में सप्त ऋषियों की पूजा करने का विधान है और इस व्रत को सुहागिन महिलाएं तथा कुंवारी कन्याएं मासिक धर्म के दौरान हुई जानी-अनजानी गलतियों के दोष से मुक्त होने के लिए करती हैं।
ऋषि पंचमी व्रत पूजाविधि
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। सप्त ऋषियों की तस्वीर लगाकर उनके सामने जल से भरा हुआ एक कलश रखें। इसके पश्चात विधि-विधान के साथ सप्त ऋषियों के साथ देवी अरुंधती की पूजा- अर्चना करें। सप्त ऋषियों को धूप-दीपक दिखाकर पीले फल-फूल और मिठाई अर्पित करें तथा सप्त ऋषियों को भोग अर्पित करें। सप्त ऋषियों से जाने-अनजाने में हुई अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगे और दूसरों की मदद करने का संकल्प लें। इसके बाद व्रत कथा सुनें और आरती करें। तथा सबसे बाद में पूजा में उपस्थित सभी लोगों को प्रसाद बांट दें।
ऋषि पंचमी मंत्र
कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:।।
गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा।।
ऋषि पंचमी 2021 शुभ मुहूर्त
ऋषि पंचमी का शुभ मुहूर्त 11 सितंबर सुबह 06 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 12 सितंबर 06 बजकर 07 मिनट पर ही समाप्त होगा।