कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था, इस दौरान कितने प्रवासी मजदूरों की मौत हुई ? यह सवाल जब संसद के मानसून सत्र में सोमवार को विपक्ष द्वारा किया गया तो इसके जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि मृतकों की संख्या को लेकर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इस तथ्य को लेकर अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सेरेना अंदाज में मोदी सरकार पर निशाना साधा है और ये सवाल किया है कि तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई?
मंगलवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियां गईं। तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई? हां मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई, उनका मरना देखा ज़माने ने, एक मोदी सरकार है जिसे खबर ना हुई।' बता दें कि कोरोना संकट के बीच सोमवार से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है। सत्र के पहले दिन केंद्र सरकार का सामना विपक्ष के तीखे सवालों से हुआ।
विपक्ष ने लॉकडाउन और कोरोना वायरस को लेकर सरकार से कई सवाल किए। इन्ही सवालों में से एक सवाल लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की मौत को लेकर किया गया, जिसके जवाब में केंद्र ने कहा कि उनके पास इससे जुड़ा कोई डाटा नहीं। यह सवाल लोकसभा किया गया था। इसके अलावा विपक्ष ने यह भी पूछा कि क्या पीड़ितों को सरकार ने कोई मुआवजा या आर्थिक सहायता दी?
इसके जवाब में केंद्र की ओर से कहा गया कि मृतकों की संख्या को लेकर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। इस दौरान केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा कि चूंकि इस तरह का डेटा नहीं जुटाया गया था इसलिए पीड़ितों या उनके परिवारों को मुआवजे का सवाल नहीं उठता।