सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (SP MP Shafiqur Rehman Burke) ने कहा कि वाराणसी (Varanasi) की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में कोई शिवलिंग नहीं है। इस तरह के मुद्दे 2024 के लोकसभा चुनाव में ध्रुवीकरण करने के लिए ही उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि आप इतिहास का अवलोकन करेंगे तो पाएंगे कि वहां कोई भी शिवलिंग नहीं था। ये सब सिर्फ लोगों को भावनात्मक रूप से बरगलाने के लिए किया जा रहा है जिससे कि 2024 के लोकसभा चुनाव में ध्रुवीकरण का फायदा उठाया जा सके।
रविवार को बर्क सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के लिए लखनऊ (lucknow) आए हैं। जहां उन्होंने पीटीआई से बातचीत की। अयोध्या (Ayodhya) में मंदिर निर्माण पर बर्क बोले कि ये सब ताकत के बलबूते पर ही किया जा रहा है। मैं अब भी यही कहूंगा कि वहां पर पहले मस्जिद ही थी। उन्होंने कहा कि भाजपा राज में मुसलमानों और मस्जिदों को तेजी से निशाना बनाया जा रहा है। प्रदेश में कानून का राज नहीं बल्कि बुलडोजर राज है जबकि देश को कानून और संविधान द्वारा चलाया जाना चाहिए।
गर्मी की छुट्टियों के बाद शुरू होगी मामले की सुनवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ज्ञानवापी मामला वाराणसी की जिला अदालत को स्थानांतरण कर दिया है। शुक्रवार को सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया कि इस मामले की सुनवाई अनुभवी और वरिष्ठ जज करेंगे। वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (Anjuman Intjamiya Masjid Committee) की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि शिवलिंग की सुरक्षा और नमाज की इजाजत देने का उसका 17 मई का अंतरिम आदेश पहले की तरह बरकरार रहेगा। वहीं, मस्जिद कमेटी की याचिका पर जिला अदालत में प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई की जाएगी। इसके साथ ही इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद यानी जुलाई के दूसरे हफ्ते में करने का निर्णय किया है।