Bihar Election Result: आरजेडी नेता और तेजस्वी यादव के मुंहबोले मामा सुनील सिंह ने कहा है कि, "अगर मतगणना में कोई गड़बड़ी हुई तो बिहार में नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी स्थिति हो जाएगी। हालात बेकाबू हो जाएँगे।" 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना से ठीक पहले राज्य का सियासी पारा अचानक चढ़ गया है। मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने चुनाव आयोग और प्रशासन को सीधी चेतावनी दी है। राजद नेता विधान पार्षद सुनील सिंह ने भड़काऊ बयान देते हुए कहा कि अगर मतगणना में कोई धांधली या अनियमितता हुई तो बिहार की सड़कों पर "नेपाल जैसा नजारा" हो जाएगा। इस बयान पर सत्तारूढ़ एनडीए खेमे में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। एनडीए नेताओं ने इसे जनता को भड़काने की सीधी कोशिश और हार पर राजद की हताशा का इजहार बताया है।
राजद नेता ने 'नेपाल जैसे हालात' की चेतावनी दी
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के दत्तक भाई और विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने अपने बयान में दावा किया कि यह चुनाव "परिवर्तन" के लिए है और जनता ने नीतीश कुमार और भाजपा सरकार को पूरी तरह से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है और 2025 में उनकी सरकार बनेगी। 2020 के चुनावों का हवाला देते हुए, सुनील सिंह ने आरोप लगाया कि तब भी मतगणना चार घंटे तक रोकी गई थी और नतीजों को प्रभावित करने की कोशिश की गई थी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा दोबारा हुआ तो राजद कार्यकर्ता और जनता चुप नहीं बैठेगी और सड़कों पर 'नेपाल जैसे हालात' देखने को मिलेंगे।
एनडीए ने इसे राजद की 'सीधी धमकी' बताई
राजद नेता के इस बयान से राजनीतिक भूचाल आ गया है। एनडीए नेताओं ने इसे सीधी धमकी बताया है। भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने राजद के इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि राजद को पहले से ही पता है कि जनता ने उन्हें नकार दिया है। इसलिए वे मतगणना से पहले माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। एनडीए नेताओं का मानना है कि राजद पहले ही हार मान चुका है और अब जनता को भड़काने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था बनी रहेगी और किसी को भी सड़कों पर अराजकता फैलाने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।
14 नवंबर को मतगणना से पहले तापमान बढ़ा
2025 के बिहार चुनाव की मतगणना 14 नवंबर को होनी है, जिससे यह तय होगा कि राज्य में अगली सरकार किसकी बनेगी। हालाँकि, नतीजों से पहले राजद के इस कठोर और विवादास्पद बयान ने राज्य के राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। मतगणना प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराना अब प्रशासन और चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी बढ़ गई है।