लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसके विरोध में खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन डिलिवरी करने वाले मंच जोमैटो (Zomato) के कर्मचारियों ने कोलकाता में अपनी आधिकारिक टी-शर्ट को फाड़ और जलाकर कंपनी में चीन के निवेश का विरोध किया। साथ ही, कुछ कर्मचारियों ने दावा भी किया कि उन्होंने जोमैटो की नौकरी छोड़ दी है।
आपको बता दें कि साल 2018 में चीन की दिग्गज कंपनी अलीबाबा की इकाई ऐंट फाइनेंशियल ने जोमैटो में 14.7 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 21 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। ऐंट फाइनेंशियल ने हाल में जोमैटो में 15 करोड़ डॉलर का और निवेश किया है। वही, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चीन की कंपनियां यहां से मुनाफा कमा रही हैं। वहीं उसकी सेना हमारे जवानों पर हमला कर रही है। वे हमारी जमीन छीनने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम भूखे रह लेंगे, लेकिन ऐसी कंपनी में काम नहीं करेंगे जिसमें चीन का निवेश है। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से जोमैटो ने अपने कुल कर्मचारियों में से 13 प्रतिशत यानी 520 को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इस बारे में तत्काल जोमैटो की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है कि क्या विरोध करने वालों में वे कर्मचारी थे, जिन्हें नौकरी से हटाया गया है।