हिमाचल प्रदेश में लंबे अरसे के बाद हो रही पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया जून तक पूरी करनी होगी। इसी साल के अंत में पंचायत चुनाव भी होने हैं। साथ ही 10 वर्ष बाद होने वाली जनगणना की प्रक्रिया भी शुरू हो रही है।
इसी वजह से पंचायतों के पुनर्सीमांकन को लेकर केंद्र सरकार ने जून माह की डेडलाइन दी है। हिमाचल में सभी जिलों से नई पंचायतों के गठन के लिए करीब 400 प्रस्ताव आए हैं। ऐसे में अब सरकार ने पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले गाइडलाइन तय कर दी है, जिसमें मुख्य बात यह रहेगी कि पंचायत का गठन जनसंख्या की बजाए परिवार की संख्या के आधार पर होगी।
जिला स्तर पर एक कमेटी का गठन होगा। जो सभी प्रस्तावों को फिजिकल एग्जामिन करेंगे। कमेटी को अगर जरूरी लगा तभी पंचायतों को दो भागों में बांटकर नई पंचायत के रूप में मान्यता दी जाएगी। गौरतलब है कि वर्तमान में 3226 पंचायतें हैं। डिलिमिटेशन के बाद यह संख्या बढ़ जाएगी। हालांकि, 400 प्रस्तावों में से सभी को स्वीकृत करने के पक्ष में सरकार नहीं है। क्योंकि हर पंचायत पर करीब 50 लाख रुपये खर्च होना है। ऐसे में 100 से ज्यादा नई पंचायतों का गठन सरकार कर सकती है।