ताशकंद में हो रहे एक क्षेत्रीय सम्मेलन में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश में विदेशी आतंकवादियों की एंट्री और तालिबान को शांति वार्ता में गंभीरता से शामिल होने के लिए प्रभावित करने में नाकाम रहने को लेकर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाक पीएम इमरान खान, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, चीनी विदेश मंत्री वांग यी, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और कई अन्य देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है।
सम्मेलन मे अशरफ गनी ने यह भी कहा खुफिया अनुमान संकेत देते हैं कि जून के महीने में पाकिस्तान और अन्य जगहों से 10 हजार से ज्यादा जिहादी लड़ाकों ने अफगानिस्तान में एंट्री की है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पाक शांति वार्ता में हिस्सा लेने के लिए तालिबान को प्रभावित करने और आतंकवादियों की बॉर्डर पार गतिविधियों को रोकने के आश्वासन को पूरा करने में पूरी तरह से विफल रहा है। तालिबान अफगानिस्तान में तेजी से आगे बढ़ रहा है। तालिबान के द्वारा देश के बड़े हिस्से पर कब्जा भी किया जा चुका है। अमेरिका ने अपने ज्यादातर सुरक्षाबलों को वापस बुला लिया है। अमेरिका बाकी बच्चे अपने सुरक्षा बलों को 31 अगस्त तक वापस बुला लेगा। ऐसा अमेरिका का लक्ष्य है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आगे कहा कि पाक पीएम इमरान खान ने और उनके जनरलों ने बार-बार आश्वासन दिया कि आफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान का आना पाकिस्तान के हित में नहीं है। तालिबान का समर्थन करने वाले नेटवर्क और संगठन अफगानिस्तान के लोगों, राज्य की संपत्तियों और क्षमताओं के नष्ट होने का खुले तौर पर जश्न मना रहे हैं। राष्ट्रपति ने इसके अलावा कहा कि हम तालिबान से जंग और विनाशकारी हालिया हमलों को रोकने के लिए अफगानिस्तान की सरकार के साथ बातचीत करने का आह्वान करते हैं।