हरियाणा के जींद शहर से लगते रधाना गांव इस वक्त वायरल बुखार की चपेट में है। यहां ऐसा कोई घर नहीं है जिसका कोई सदस्य बुखार, सर्दी, खांसी या जुखाम से पीड़ित न हो। हालांकि इस गांव में न तो कोई कोरोना संक्रमित, न डेंगू और न ही मलेरिया का कोई मरीज है। लेकिन ग्रामीण कोरोना के खौफ के चलते अस्पताल नहीं जा रहे हैं।
ऐसे में ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से गांव में ही दवा उपलब्ध कराने की मांग की है। लगभग पांच हजार की आबादी वाले रधाना गांव में गत एक हफ्ते से लोग वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं। बुखार भी ऐसा कि पूरे शरीर को तोड़ कर रख रहा है। तीन से चार दिन तक बुखार रहता है इसके बाद शरीर से कई दिनों तक थकान नहीं जाती।
घर का एक सदस्य ठीक होता है तो उसी समय दूसरे को यह वायरल बुखार अपनी चपेट में ले ले रहा है। कई घर तो ऐसे हैं जहां एक ही परिवार के कई सदस्य इसकी चपेट में हैं। वहीं, वायरल बुखार के बाद कहीं कोरोना वायरस की चपेट में न जा आएं इसलिए ग्रामीण नागरिक अस्पताल में इलाज के लिए आने से घबरा रहे हैं।
दरअसल, कई लोग सामान्य खांसी-जुखाम के लिए नागरिक अस्पताल में दवा लेने आए थे लेकिन यहां से कोरोना लेकर चले गए। इसी का डर ग्रामीणों को है। हालांकि गांव में कोरोना को कोई भी कोरोना सक्रिय मामला नहीं है लेकिन ग्रामीण इस महामारी के डर से अस्पताल आने से घबरा रहे हैं।
इस बीच गांव रधाना के सरपंच नरेश चहल ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की कि गांव में वायरल बुखार की दवा उपलब्ध कराई जाए। वहीं, नागरिक अस्पताल के डिप्टी मैडीकल सर्जन एमएस डॉ. राजेश भोला ने कहा कि मौसम में बदलाव की वजह से स्वास्थ्य में दिक्कतें आ सकती हैं। इसलिए लोग सावधानी बरतें। स्वास्थ्य विभाग का पूरा अमला इस समय कोरोना महामारी से निपटने में लगा है। अगर किसी को कोरोना के लक्षण हैं तो अस्पताल आकर सैम्पल दे सकता है।