वाराणसी के ज्ञानवापी विवादित (Gyanvapi Mosque Survey) ढाँचे का तीन दिनों तक चले सर्वे का काम पूरा हो गया है। सर्वे के तीसरे दिन हिन्दू पक्ष की तरफ से सोमवार को करीब 12 फीट 8 इंच लंबा शिवलिंग नंदी समेत मिलने का दावा किया गया है। जिसके बाद वाराणसी सिविल कोर्ट ने शिवलिंग वाली जगह को सील करने के आदेश दिए है। सिविल कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने शिवलिंग की जगह को सील करने के साथ ही सीआरपीएफ के हवाले कर दिया है। जो अब पूरी तरह सीआरपीएफ की निगरानी में रहेगा।
आपको बता दें कि इससे पहले ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Masjid) में गुरुवार को कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर (Ravi Kumar Diwakar) ने अधिवक्ता आयुक्त को बदलने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष को काफी बड़ा झटका लगा था। फैसला आने बाद ज्ञानवापी मामले में सर्वे कमिश्नर अजय मिश्र को नहीं हटाया गया। इतना ही नहीं कोर्ट ने दो और सहायक कमिश्नरों को नियुक्त कर दिया था। अजय मिश्र के साथ विशाल सिंह को सहायक कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया गया था।
कोर्ट द्वारा आदेश के मुताबिक, 17 मई से पहले सर्वे किया गया। पूरे इलाके की वीडियोग्राफी बनाई गई। सर्वे के दौरान दोनों पक्ष के लोग मौके पर मौजूद रहे। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि 17 मई से पहले इस कार्रवाई को पुख्ता करें। कमीशन की कार्रवाई में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) के रोजाना दर्शन और पूजन की मांग को लेकर पांच महिलाओं द्वारा दायर किए गए वादे पर बीते आठ अप्रैल को अदालत ने अजय कुमार मिश्र (Ajay Kumar Mishra) को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर दस मई तक कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
ऐसे में छह मई को कमीशन की कार्यवाही शुरू तो हो गई लेकिन पूरी नहीं हो पाई। क्योंकि सात मई को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग उठा दी। इस प्रार्थना पत्र पर तीन दिनों से अदालत में सुनवाई की जा रही थी। गुरुवार को इस पर फैसला आया।