हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांगड़ा जिले के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुजान सिंह पठानिया का निधन हो गया है। वह 78 वर्ष के थे और लंबे अर्से अस्वस्थ चल रहे थे। फतेहपुर स्थित अपने आवास में उन्होंने अंतिम सांस ली। आज यानि शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वही, पठानिया के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है।
बता दें कि सुजान सिंह पठानिया का जन्म 22 सितंबर 1943 को पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। वह सात बार प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। पठानिया हिमाचल प्रदेश वन विभाग में रेंज अधिकारी थे। उन्होंने 1977 में विभाग से त्यागपत्र दे दिया था और जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। बाद में 1980 में वह कांग्रेस में शामिल हो गये थे।
पठानिया प्रदेश विधानसभा के लिये 1977 में निर्वाचित हुये थे । इसके बाद वह 1990, 1993, 2003 नवंबर, 2009 (मध्यावधि चुनाव) में विजयी हुये। ये सभी चुनाव उन्होंने जवाली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से जीता था । इसके बाद उन्होंने 2012 एवं 2017 का विधानसभा चुनाव फतेहपुर से जीता था। हिमाचल प्रदेश में 2007 में हुए परिसीमन से पहले फतेहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र को जवाली के रूप में जाना जाता था । पठानिया ने राज्य सरकार में ऊर्जा मंत्री, अक्षय ऊर्जा मंत्री एवं कृषि मंत्री के रूप में अपनी सेवायें दी।
पठानिया के निधन पर हिमाचल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जताया शोक
इस बीच, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय एवं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पठानिया के निधन पर शोक जताया है। राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में कहा है कि समाज के कल्याण के लिये उनकी सेवाओं के लिये पठानिया को हमेशा याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य, खास तौर से कांगड़ा जिले के विकास के लिये किये गये उनके कार्यों को आने वाले समय में सालों तक याद किया जाएगा।
वही, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पठानिया के निधन पर शोक जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौड़ ने भी पठानिया के निधन पर शोक जताया है।