हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को विधानसभा में पेश बजट किया। वही, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बजट को दिशाहीन बताया है। उन्होंने कहा, 'बजट लोगों की आशा के विपरीत है। घाटे से उभरने के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। महज आकड़ों को दर्शाकर केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रदेश के बजट में शामिल कर लोगों को लुभाने का असफल प्रयास किया गया है।'
वीरभद्र सिंह ने कहा कि बजट में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई से निपटने के कोई भी कारगर उपाय नहीं है। आम लोगों को भी कोई राहत नही है। कोविड़ से प्रभावित अर्थव्यवस्था के सुधार की कोई भी गुंजाइश भी बजट में नहीं है। वही, सीपीआई एम के विधायक राकेश सिंघा ने कहा, 'सरकार का बजट खटारा गाड़ी की तरह है जिसको पेंट किया गया है। कर्ज से सरकार चलेगी, कहीं ऐसा न हो कि देश किसी विदेश के हाथ में गिरवी हो जाए। इस बजट में किसी वर्ग के लिए कोई राहत नहीं मिलेगी बल्कि आने वाले समय में लोगों का जीना दूभर हो जाएगा।'
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कर्ज की बैसाखियों से सरकार चलेगी लेकिन बजट में इसका जिक्र तक नहीं है। हर क्षेत्र में घाटा है। आर्थिक सर्वेक्षण में ही साफ हो गया था कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है। उन्होंने कहा, 'महंगाई आसमान छू रही है, पेट्रोल-डीजल की कीमतें सबसे ऊंचे स्तर पर है। इसका बजट में जिक्र तक नहीं किया गया। तीस हजार नौकरियों को चोर दरवाजे से भरने का खाका तैयार किया। सरकार का वित्तीय प्रबंधन शून्य है।'
इसके अलावा बजट पर निराशा प्रकट करते हुए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा, 'इस बजट में प्रदेश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के सुधार के कोई भी ठोस प्रयास नही हैं। बजट महज आंकड़ों का मायाजाल है जिसमें ना तो लोगों को कोई राहत दी है और ना ही बेरोजगारी व महंगाई से लड़ने की कोई योजना है।' उन्होंने कहा कि बजट में कुछ भी ऐसा नही है जिसकी सराहना की जाए। राठौर ने आगा कहा की बजट में ना तो किसानों-बागवानों को कोई राहत है और ना ही व्यवसायियों के लिए कोई राहत दी गई है।