हिमाचल प्रदेश विधानसभा में रविवार को सुबह खालिस्तानी झंडे मिलने के बाद से ही सियासी घमासान शुरू हो चुका है। प्रदेश में हुई इस घटना के मामले में पुलिस और सरकार ऐक्शन में है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने इस मामले में ऐक्शन लेते हुए UAPA समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
प्रदेश पुलिस में इस मामले में खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू को मुख्य आरोपी बनाया गया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया है कि इस मामले में केस दर्ज करने के साथ ही सतर्कता भी बढ़ा दी गई है। हिमाचल प्रदेश में सरकार ने राज्य से जुड़ी सभी सीमाओं को सील कर दिया है। राज्य में आने और जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा एडीजीपी, सीआईडी, आईजी, डीआईजी और सभी जिलों के एसपी को सतर्कता बरतने को कहा गया है।
प्रदेश में हुई इस घटना को लेकर सरकार ने भी कड़े कदम उठाने के फैसले लिए हैं, मुख्यमंत्री जयराम ने भी इस मामले पर कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही विधानसभा के आसपास के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है।
इतना ही नहीं विधानसभा के आसपास के इलाकों में सर्विलांस बढ़ा दिया गया है, और प्रदेश में जहां-जहां भी खालिस्तान से जुड़े संदिग्धों को पाए जाने की आशंका है वहां पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। इससे पहले रविवार को प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने खालिस्तानियों को चुनौती देते हुए कहा था कि यदि उनमें हिम्मत है तो रात के अंधेरे में झंडे लगाने की बजाय दिन के उजाले में सामने आएं। उन्होंने कहा कि धर्मशाला स्थित विधानसभा में ये झंडे लगाए गए हैं, जहां सर्दियों में ही सत्र का आयोजन होता है। ऐसे में हर समय वहां कड़ी सुरक्षा नहीं होती है। इसी का फायदा उठाते हुए खालिस्तान समर्थकों ने यह हरकत की है।