राजस्थान (Rajasthan) के एक गुर्जर संगठन (Gujjar organization) ने एक बड़ा दावा किया है कि पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chauhan) एक गुर्जर शासक थे, वह राजपूत नहीं थे। इसके साथ ही संगठन ने शुक्रवार को अक्षय कुमार (Akshay Kumar) अभिनीत फिल्म 'पृथ्वीराज' (Prithviraj) में उन्हें (पृथ्वीराज) को गुर्जर शासक के रूप में दिखाए जाने की मांग दोहरायी है। पृथ्वीराज चौहान उस क्षेत्र के शासक रहे थे, जो वर्तमान में अजमेर है। अगले माह रिलीज होने वाली इस फिल्म का निर्माण यशराज फिल्म्स द्वारा किया गया है और इसका निर्देशन चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किया है। इसमें संजय दत्त (Sanjay Datt), मानुषी छिल्लर (Manushi Chhillar) और मानव विज (Manav Vij) भी हैं।
बता दें कि पृथ्वीराज चौहान या पृथ्वीराज तृतीय, 12 वीं शताब्दी के एक योद्धा थे जिनका शासन उत्तर में स्थानविश्वर (थानेसर) से लेकर दक्षिण में मेवाड़ तक विस्तृत था। राजस्थान का वर्तमान अजमेर उनके राज्य की राजधानी हुआ करता था। जयपुर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा ने यह दावा किया कि महाकाव्यों में वर्णित तथ्य यह साबित करते हैं कि पृथ्वीराज चौहान एक 'गुर्जर' थे।
'पृथ्वीराज रासो' का दिया बड़ा हवाला
महासभा के आचार्य वीरेंद्र विक्रम (Acharya Virendra Vikram) ने यह दावा किया कि 'पृथ्वीराज रासो' (Prithviraj Raso) के प्रथम भाग में पृथ्वीराज चौहान के पिता सोमेश्वर को गुर्जर बताया गया है। उन्होंने कहा कि कई अन्य ऐतिहासिक तथ्य हैं जो ये स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि पृथ्वीराज चौहान गुर्जर थे। विक्रम ने कहा कि तथ्यों के आधार पर फिल्म निर्माताओं से यह मांग की गई है कि फिल्म में पृथ्वीराज चौहान को गुर्जर शासक के रूप में दर्शाया जाए ना कि एक राजपूत के रूप में।
फिल्म निर्माता सही तथ्य पेश करें : भार्गड
इस पर महासभा के प्रदेशाध्यक्ष मनीष भार्गड ने कहा कि महासभा ने पिछले वर्ष फिल्म निर्माता से मुलाकात कर उन्हें खुद ऐतिहासिक साक्ष्य दिए थे और फिल्म में सही तथ्य पेश करने का अनुरोध भी किया था। इस मामले में राजपूत नेताओं की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।