संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में बीजिंग के खिलाफ सख्त टिप्पणी के लिए चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा है और कहा है कि उनके आरोप परोक्ष तौर पर राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित और मनगढ़ंत झूठ से भरे हुए थे। बता दें कि ट्रंप ने कहा था कि 'चीनी वायरस' की महामारी को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए संयुक्त राष्ट्र को चीन को जिम्मेदार ठहराना चाहिए, जिससे पूरी दुनिया में लगभग दस लाख लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें दो लाख अमेरिकी नागरिक शामिल हैं।
वही, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेंगबिन ने ट्रंप की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिकी नेता की संयुक्त राष्ट्र महासभा में चीन को लेकर टिप्प्णी तथ्यों से परे थी और मनगढ़ंत से भरी हुई थी। वांग ने कहा, 'परोक्ष तौर पर राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित होकर राष्ट्रपति ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल चीन के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए किया। चीन इन आरोपों का दृढ़ता से विरोध करता है। इस तरह के कृत्यों ने फिर से दिखाया है कि एकपक्षवाद और धौंस दिखाना दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है।'
उन्होंने आगे कहा, 'झूठ को किसी भी तरह से सच्चाई के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता। दुनिया को कोविड-19 में चीन के रिकॉर्ड के बारे में पूरी तरह से पता है।' उन्होंने कहा कि यह वायरस पूरी मानव जाति का साझा दुश्मन है। वही, वांग ने कहा कि चीन भी वायरस से पीड़ित है और देश ने वायरस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अपना योगदान दिया है।
दरअसल, ट्रंप ने मांग की थी कि चीन को इस वायरस को काबू में करने के लिए विफल रहने पर जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए जहां से कोरोना वायरस सामने आया है। वांग की यह प्रतिक्रिया इसपर आई है। उन्होंने आगे कहा, 'जब मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण फैलने की पुष्टि हुई, चीन ने तत्काल वुहान से सभी निकास बंद करने का निर्णय किया।'
वांग ने कहा कि 31 जनवरी को अमेरिका ने चीन से सीधी उड़ान निलंबित कर दी। जब दो फरवरी को अमेरिका ने सभी चीनी नागरिकों के लिए अपनी सीमाएं बंद की उस समय अमेरिका में मात्र दो दर्जन मामले सामने आये थे। इसके साथ ही उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का भी बचाव किया जिस पर ट्र्रंप ने आरोप लगाया है कि वह वस्तुत: चीन द्वारा नियंत्रित है।