केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से सटी सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच पंजाब के होशियारपुर से गाजीपुर बार्डर पहुंचे बाबा अजेब सिंह कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन पर बैठे किसानों का उपचार कर रहे हैं। खास बात ये है कि इनका इलाज पूरी तरह से देसी नुस्खों पर टिका हुआ है। दरअसल, बाबा अजेब सिंह देशी नुस्खों और एक्यूप्रेशर के सहारे किसानों का उपचार करते हैं।
इसपर उनका कहना है कि किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए बॉर्डर पहुंचा हूं, इससे पहले सिंघु बॉर्डर हो कर आया हूं, बीते 20 सालों से इसी तरह लोगों का इलाज कर रहा हूं। वही, बॉर्डर पर बैठे कई आंदोलन कारियों ने अजेब सिंह से अपना इलाज कराया। खास बात ये कि अजेब सिंह इलाज का कोई पैसा भी नहीं लेते।
इस बीच निशुल्क सेवा करने पर अजेब सिंह ने कहा, "घर की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए हमारा कारोबार है, खेती और अन्य साधन है। मैं मरीजों की निशुल्क सेवा करता हूं। वहीं, आंदोलन में शरीक हो रहे किसान, मजदूरों और गरीबों की सेवा कर वह आंदोलन को समर्थन देने का प्रयास कर रहा हूं।" अजेब सिंह ने बताया कि मैं हर दिन 400 से 500 लोगों का इलाज करता हूं, वहीं रीड की हड्डी, गुर्दे खराब होना, मिर्गी और अन्य बीमारियों का इलाज करता हूं।