भारत में जब नयी सरकार बन रही होगी, उसी दौरान वजन का पैमाना किलोग्राम बदल जायेगा। वैज्ञानिकों ने किलोग्राम की परिभाषा बदल दी है। सर्वसम्मति से 50 से ज्यादा देशों ने किलोग्राम की नयी परिभाषा को मान्यता भी दे दी है। फ्रांस के वर्साइल्स में ‘वेट एंड मेजर्स’ पर आयोजित एक बड़े सम्मेलन में हुई वोटिंग के बाद किलोग्राम की परिभाषा को बदलने का फैसला हुआ।
फ्रांस में पेरिस के समीप सेंट क्लाउड शहर में ‘इंटरनेशनल प्रोटोटाइप किलोग्राम (आईपीके) नाम का प्लेटिनम इरीडियम धातु का टुकड़ा (ब्लॉक) रखा है। उसी से किलोग्राम का पैमाना तय किया गया था। यह ब्लॉक एक किलोग्राम वजन का सबसे शुद्ध रूप है, परंतु इसके वजन में अंतर आता है। इसे शुद्ध बनाए रखने के लिए कुछ दशकों में साफ करके इसे पुन: तौला जाता है। जो परिणाम आता है, वही वैश्विक तौर पर किलोग्राम का सबसे श्रेष्ठ मानक माना जाता है।
शुक्रवार यानी 16 नवंबर को इसे साफ करके फिर तौला जाएगा, इस घटनाक्रम पर दुनिया की नजरें टिकी हैं। इसमें कुछ माइक्रोग्राम भी अंतर आया तो इसका असर उद्योगों से लेकर विज्ञान व शोध कार्यों तक पर होगा। खासतौर पर उन कार्य क्षेत्रों में जहां, एक-एक माइक्रोग्राम वजन की गणना मायने रखती है। आईपीके की स्थिरता दुनियाभर में वजन के समान मानक बनाए रखने के लिए जरूरी है।