पंजाब ने जल संकट को देखते हुए केंद्र सरकार से पंजाब के सिंध जल प्रणाली की तीन पूर्वी नदियों को नहरों की तर्ज पर पक्के करने के प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के तहत लाने के लिए अपील की है। जिससे जल स्रोतों की संभाल और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को मजबूत किया जा सके। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई मीटिंग की। इस दौरान कैप्टन ने मॉनसून के दौरान पाकिस्तान की तरफ जाते पानी को रोके जाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया।
उन्होंने कहा की राज्य की तीन नदियों के किनारे कच्चे हैं जिनकी लंबाई 945. 24 किलोमीटर बनती है और यह राज्य के कुल क्षेत्र का करीब 60 फीसदी बनता है। राज्य की कुल आबादी के 1/3 फीसदी हिस्से को मॉनसून के दौरान बाढ़ की मार झेलनी पड़ी।
सीएम ने प्रधानमंत्री को पंजाब में जमीनी पानी के गिरते स्तर के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि सतलुज, रावी और ब्यास नदियों के जरिये राज्य के कृषि अधीन क्षेत्र का केवल 27 फीसदी सींचे जाने के कारण पंजाब के भूजल के बेतहाशा प्रयोग स्वरूप पानी का स्तर काफी नीचे जा चुका है।